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    Kharmas 2025: कब और क्यों लगता है खरमास? यहां पढ़ें धार्मिक महत्व

    Updated: Mon, 17 Nov 2025 07:19 PM (IST)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, 15 दिसंबर को मार्गशीर्ष पूर्णिमा और अन्नपूर्णा जयंती है। इसके अगले दिन आत्मा के कारक सूर्य देव वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में गोचर करेंगे। अत: 15 दिसंबर को धनु संक्रांति मनाई जाएगी। धनु संक्रांति के दिन से खरमास (Kharmas 2025 Date) की शुरुआत होगी। वहीं, 14 जनवरी को सूर्य देव मकर राशि में गोचर के साथ ही खरमास समाप्त होगा।

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    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में सूर्य गोचर का खास महत्व है। सूर्य देव के राशि परिवर्तन से कई राशि के जातकों के जीवन में बदलाव देखने को मिलता है। खासकर, करियर से संबंधित परेशानी दूर होती है। सूर्य देव के राशि परिवर्तन करने की तिथि पर संक्रांति मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर बड़ी संख्या में साधक गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान कर सूर्य देव की पूजा करते हैं। साथ ही पूजा, जप-तप और दान करते हैं।

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    surya dev

    आत्मा के कारक सूर्य देव एक राशि में 30 दिनों तक रहते हैं। इसके बाद राशि परिवर्तन करते हैं। वहीं, सूर्य देव के धनु और मीन राशि में गोचर करने पर खरमास लगता है। लेकिन क्या आपको पता है कि क्यों सूर्य देव के धनु और मीन राशि में गोचर करने पर खरमास लगता है? आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

    क्या होता है खरमास?

    आत्मा के कारक सूर्य देव के धनु और मीन राशि में गोचर करने के दौरान खरमास लगता है। इस दौरान कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र में खरमास के दौरान शुभ काम करने की मनाही होती है। वहीं, खरमास के समापन के बाद शुभ काम किया जाता है।

    कब लगता है खरमास?

    ज्योतिषियों की मानें तो आत्मा के कारक सूर्य देव के धनु या मीन में गोचर करने से खरमास लगता है। सूर्य के धनु और मीन राशि में रहने के दौरान गुरु का प्रभाव क्षीण या शून्य हो जाता है। वहीं, शुभ कार्यों के कारक देवताओं के गुरु बृहस्पति हैं। बृहस्पति देव का प्रभाव क्षीण होने के चलते किसी भी प्रकार का शुभ काम नहीं किया जाता है।

    खरमास 2025

    आत्मा के कारक सूर्य देव 16 दिसंबर को धनु राशि में गोचर करेंगे। इस राशि में सूर्य देव एक महीने तक रहेंगे। इसके बाद 14 जनवरी को सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस शुभ अवसर पर मकर संक्रांति मनाई जाएगी। इस दिन से खरमास समाप्त हो जाएगा। इसके बाद सूर्य देव के मीन राशि में गोचर के दौरान खरमास लगेगा।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।