Zodiac Signs: इन राशियों को करियर में मिलेगी गुड न्यूज, खुलेंगे सफलता के द्वार
सिंह राशि के स्वामी आत्मा के कारक सूर्य देव हैं और आराध्य जगत के पालनहार भगवान विष्णु हैं। वहीं, मेष राशि के जातकों को सूर्य देव शुभ फल देते हैं। भगवान विष्णु की पूजा करने से कुंडली में सूर्य ग्रह मजबूत होता है।

Zodiac Signs: सूर्य देव को कैसे प्रसन्न करें?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित होता है। इस दिन आत्मा के कारक सूर्य देव की पूजा की जाती है। साथ ही सूर्य देव की कृपा पाने के लिए दान-पुण्य किया जाता है। सूर्य देव की पूजा करने से आरोग्य जीवन का वरदान साधक को मिलता है।
जीवन में मानसिक या शारीरिक कष्टों से मुक्ति पाने के लिए सूर्य देव की पूजा करने की सलाह देते हैं। सूर्य देव की पूजा करने से करियर संबंधी परेशानी भी दूर होती है। ज्योतिषियों की मानें तो 06 जुलाई तक सूर्य देव की कृपा कई राशि के जातकों पर बरसेगी। उनकी कृपा से करियर में मनमुताबिक सफलता मिलेगी। आइए, इसके बारे में जानते हैं-
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मिथुन राशि
सूर्य देव के आर्द्रा नक्षत्र में गोचर करने से मिथुन राशि के जातकों को लाभ मिलेगा। वर्तमान समय में सूर्य देव मिथुन राशि में विराजमान हैं। इस राशि के स्वामी ग्रहों के राजकुमार बुध देव हैं और आराध्य भगवान गणेश हैं। आपके स्वभाव में बदलाव देखने को मिलेगा। आपके भाई और बहन को भाग्य का साथ मिलेगा। साथ ही सम्मानित लोगों के साथ उनकी दोस्ती रहेगी। जॉब संबंधी परेशानी दूर होगी। जॉब में प्रमोशन के योग बन रहे हैं। इसके साथ ही वेतन में भी इजाफा हो सकता है।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों को जॉब मिल सकती है। सरकारी नौकरी के योग बन रहे हैं। इस दौरान आपको ऑफर लेटर मिल सकती है। कार्यक्षेत्र में आपको सफलता मिल सकती है। धन-संपत्ति में वृद्धि होगी। ऐसा हो सकता है कि आपको नया दायित्व दिया जा सकता है। आपको टीम लीड करने का मौका मिल सकता है। आपके व्यवहार में निखार आएगा। आपकी पिता की सेहत अच्छी रहेगी अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार दान करें। साथ ही रोजाना सूर्य देव को जल अर्पित करें।
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सूर्य मंत्र
1. जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महाद्युतिम ।
तमोsरिं सर्वपापघ्नं प्रणतोsस्मि दिवाकरम ।।
2. ऊँ आकृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यण्च ।
हिरण्य़येन सविता रथेन देवो याति भुवनानि पश्यन ।।
3. ऊँ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात ।।
4. ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय सहस्रकिरणाय नमः
5. ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः
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