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    Shani Vakri 2025: सिंह राशि वालों को रिसर्च में मिलेगी सफलता, ऑफिस पॉलिटिक्स से रहें सावधान

    Updated: Mon, 16 Jun 2025 04:21 PM (IST)

    13 जुलाई 2025 को शनि देव मीन राशि में वक्री होंगे। यह वक्री काल सिंह राशि के जातकों के लिए वित्त स्वास्थ्य और संबंधों में गहराई और बदलाव लेकर आएगा। इसके साथ ही यह समय आपके लिए आत्मिक रूप से खुद को गहराई से बदलने और पुनर्निर्माण का है तो चलिए ऐस्ट्रॉलजर आनंद सागर पाठक जी (astropatri.com) से जानते हैं इस बारे में।

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    Shani Vakri 2025: सिंह राशि वालों पर प्रभाव।

    आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। 13 जुलाई 2025 से शनि देव मीन राशि में वक्री होकर आपके अष्टम भाव में रहेंगे। यह भाव अचानक बदलाव, साझे धन, विरासत, रोग और मनोवैज्ञानिक परिवर्तन से जुड़ा होता है। आपको धन संबंधी चुनौतियां, स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं या गहरे भावनात्मक अनुभव हो सकते हैं। गुप्त डर या पुराने कर्म भी उभर सकते हैं। यह समय आपके लिए आत्मिक रूप से खुद को गहराई से बदलने और पुनर्निर्माण का है।

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    सिंह राशि

    13 जुलाई से 30 नवम्बर 2025 तक शनि देव मीन राशि में वक्री होकर सिंह राशि वालों के अष्टम भाव में गोचर करेंगे। अष्टम भाव गूढ़ विषयों, संयुक्त संपत्ति, रोग, और मानसिक परिवर्तन से जुड़ा होता है।

    शनि की यह स्थिति पुराने विषयों को पुनः सामने लाकर उनका समाधान और शुद्धिकरण करवाती है। यह समय सरल नहीं होगा, लेकिन आत्मबल, आत्मज्ञान और स्वीकार का पाठ जरूर सिखाएगा।

    करियर

    पेशेवर जीवन में कुछ छिपे हुए तनाव सामने आ सकते हैं। ऑफिस पॉलिटिक्स से सावधान रहना होगा। यदि आप रिसर्च, हीलिंग या वित्तीय क्षेत्रों में हैं तो सफलता मिल सकती है, लेकिन पहचान मिलने में समय लग सकता है। कार्य प्रणाली में अनिश्चित बदलाव मानसिक दबाव ला सकते हैं।

    यह समय चुपचाप योजना बनाने और ताकत की खींचतान को समझने का है। शनि की दृष्टि दशम भाव पर पड़ रही है, जो ज़्यादा ज़िम्मेदारी और ईमानदारी की मांग करेगा।

    वित्त

    टैक्स, बीमा, विरासत, ऋण या जीवनसाथी की आय से जुड़े विषय पेचीदा हो सकते हैं। वित्तीय मामलों में विलंब संभव है, लोग पैसे समय पर न दे पाएं। ऋण लेने या जोखिम वाले निवेशों से बचें। शनि इस भाव में आपको वित्तीय मामलों में विवेक और विरक्ति प्रदान करते हैं। अपनी संपत्ति और संसाधनों को सरल रखें और संयोजन में काम लें।

    स्वास्थ्य

    अष्टम भाव लंबे समय के रोग और छिपी स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा है। शनि यहां हड्डियों, प्रजनन प्रणाली या तनावजनित रोगों को पुनः सक्रिय कर सकते हैं। नियमित स्वास्थ्य जांच जरूरी है। भावनाओं को भीतर दबाने के बजाय उन्हें लिखकर या थैरेपी के माध्यम से बाहर निकालें। यह गोचर शरीर और मन दोनों के स्तर पर गहरा उपचार ला सकता है।

    परिवार

    परिवार से जुड़े कुछ पुराने राज या भावनात्मक घाव सामने आ सकते हैं। जीवनसाथी के परिवार के साथ संयम और समझदारी जरूरी है। कटु शब्दों से बचें और क्षमा भाव अपनाएं। अपनी भावनात्मक गठरी को हल्का करें, तभी अपने करीबियों से सच्चा जुड़ाव हो पाएगा। लड़ाई के बजाय मौन समझदारी आज बेहतर साबित होगी।

    शिक्षा

    गूढ़ विज्ञान, मनोविज्ञान या रिसर्च से जुड़े विद्यार्थी इस गोचर से लाभ उठा सकते हैं, लेकिन उन्हें अनुशासन और धैर्य की जरूरत होगी। अन्य विद्यार्थियों के लिए यह थोड़ा निरुत्साहजनक समय हो सकता है। ध्यान भटकाने वाले तत्वों से दूरी बनाएं और पढ़ाई को गहराई से समझें। शनि गंभीर विद्यार्थियों को मानसिक स्थायित्व और शक्ति देते हैं।

    निष्कर्ष

    अष्टम भाव में वक्री शनि सिंह राशि वालों को भीतर से बदलने की प्रक्रिया में ले जा रहे हैं। यह एक रहस्यमयी और तीव्र समय हो सकता है, लेकिन इसमें कर्म शुद्धि, आत्मिक जागृति और आंतरिक सशक्तिकरण छुपा है। आप अपने भीतर के बदलाव को स्वीकार करें। नया रूप लेने का समय पास है।

    उपाय

    • हर दिन 'ॐ नमः शिवाय' का जप करें, यह आंतरिक शुद्धि में सहायक है।
    • शनिवार को काले तिल, सरसों का तेल या पुराने वस्त्र जरूरतमंदों को दान करें।
    • जमीन से जुड़ाव के लिए हरी घास पर नंगे पांव चलें।
    • मूलाधार चक्र पर ध्यान केंद्रित करें ताकि स्थिरता बनी रहे।
    • सबकुछ नियंत्रित करने की कोशिश न करें, जीवन को उसके प्रवाह में चलने दें और भरोसा रखें।

    यह भी पढ़ें: Shani Vakri 2025: 13 जुलाई से शनि मीन राशि में होंगे वक्री, मिथुन वालों के लिए कैसा बीतेगा ये समय

    Note - यह राशिफल श्री आनंद सागर पाठक, astropatri.com द्वारा लिखा गया है, अपने सुझाव और प्रतिक्रियाओं के लिए आप उन्हें hello@astropatri.com पर ईमेल कर सकते हैं।