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    Shani Vakri 2025: शनि वक्री का वृषभ राशि वालों पर क्या पड़ेगा असर, रखनी होंगी ये सावधानियां

    Updated: Mon, 16 Jun 2025 12:38 PM (IST)

    वृषभ राशि के लिए शनि देव की वक्री चाल 13 जुलाई से 30 नवम्बर तक मीन राशि में रहेगी। यह गोचर आपकी कुंडली के ग्यारहवें भाव को प्रभावित करेगा जो आय इच्छाएं और सामाजिक संबंधों का भाव माना जाता है। कुछ पुराने मित्रों से लाभ भी संभव है। चलिए ऐस्ट्रॉलजर आनंद सागर पाठक जी (astropatri.com) से जानते हैं इस विषय में।

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    Shani Vakri 2025 शनि वक्री का वृषभ राशि वालों पर कैसा रहेगा प्रभाव।

    आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। 13 जुलाई 2025 से शनि देव का मीन राशि में वक्री होने जा रहे हैं। यह वृषभ राशि वालों की कुंडली के ग्यारहवें भाव में घटित होगा। इस वक्री गति का असर आपकी आमदनी, इच्छाओं और सामाजिक संबंधों पर पड़ सकता है।

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    आर्थिक मोर्चे पर कुछ अनचाही देरी या रुकावट आ सकती हैं। दोस्तों से लाभ की उम्मीद के साथ थोड़ी उलझन या भ्रम की स्थिति भी बन सकती है। प्रोफेशनल लाभ और पुरस्कार जैसे थम से सकते हैं। यह समय आपकी आकांक्षाओं की गहराई में उतरने का संकेत देता है। आपको अपनी मंजिल को स्पष्ट रखना होगा और धैर्यपूर्वक, कर्म के रास्ते पर आगे बढ़ते हुए दीर्घकालिक सफलता की दिशा में काम करना होगा।

    यह समय आपको अपने पहले किए गए परिश्रम को याद करने और उसकी गहराई को समझने का अवसर देगा। आप अपनी बड़ी योजनाओं और जीवन के उद्देश्यों को नए नजरिये से देखना शुरू कर सकते हैं। यह शनि वक्री आपको यह सिखाएंगे कि अपनी अपेक्षाओं को कैसे सही ढंग से प्रबंधित किया जाए। अब आपको आत्मा के स्तर पर अपने मकसद को पहचानने की ज़रूरत है। साथ ही, समाज और समुदाय में मौजूद रिश्तों में कर्मों की भूमिका को भी समझने का मौका मिलेगा।

    करियर -

    शनि वक्री होने के कारण प्रमोशन, प्रशंसा या अपेक्षित पुरस्कारों में देरी हो सकती है। आपको यह एहसास हो सकता है कि वर्तमान नौकरी से आपको अपेक्षित फल नहीं मिल रहे हैं। अतीत में आपने जो त्याग किया था, वही अब सहारा बनेगा। परंतु यदि पहले किसी के साथ गलत किया गया हो, तो अब उसके कर्मफल सामने आ सकते हैं। इस समय आपको अपने दीर्घकालिक करियर लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। अपने वास्तविक कार्यदिशा के साथ जुड़ने का यह उपयुक्त समय है। वरिष्ठजनों के साथ सहयोग में बाधाएं आ सकती हैं। कार्यस्थल पर मानसिक तनाव भी बढ़ सकता है। संयमपूर्वक स्थिति को संभालना उचित रहेगा।

    फाइनेंस -

    ग्यारहवां भाव आय और आर्थिक लाभ से संबंधित होता है। इस दौरान आपको समूह निवेशों या मित्रों से लिए गए ऋणों पर अधिक निर्भर नहीं रहना चाहिए। शनि के वक्री होने से बोनस, लाभ या निवेश पर मिलने वाला रिटर्न देर से मिल सकता है। शनि की दृष्टि पहले, पांचवें और आठवें भाव पर भी पड़ रही है, जो आर्थिक मामलों में सावधानी की मांग करती है। बच्चों पर अनावश्यक खर्च या अचानक खर्चों की संभावना बन सकती है। धीरे-धीरे और धैर्यपूर्वक आपको अपनी आर्थिक स्थिति को दोबारा सुदृढ़ करना होगा।

    स्वास्थ्य -

    शनि का यह वक्री गोचर तनाव से जुड़ी थकान या रक्त संचार संबंधी समस्याएं ला सकता है। महत्वाकांक्षाओं की दौड़ में स्वास्थ्य की अनदेखी न करें। शनि अब अनुशासन की मांग करता है। पर्याप्त जल सेवन, नियमित नींद और संतुलित दिनचर्या आवश्यक होगी। अपूर्ण इच्छाओं के कारण मानसिक थकावट हो सकती है। आवश्यकता हो तो किसी परामर्शदाता से बात करें।

    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    परिवार -

    बड़े भाई-बहनों या पुराने मित्रों के साथ मतभेद या शीतलता का अनुभव हो सकता है। पुराने झगड़े दोबारा उभर सकते हैं, जिन्हें परिपक्वता और भावनात्मक नियंत्रण से सुलझाना होगा। सामाजिक दायरे में आपकी बातों को गलत समझा जा सकता है। संबंध तोड़ने की बजाय शनि आपको आत्मविश्लेषण और शांतिपूर्ण संवाद का संकेत देता है। आत्मिक और गहरे संबंधों को प्राथमिकता दें।

    शिक्षा -

    वृषभ राशि के छात्रों के लिए यह समय समूह अध्ययन में मन न लगने या ध्यान भटकने की संभावना दर्शाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं के परिणाम अपेक्षा अनुसार नहीं हो सकते। यह समय लक्ष्य निर्धारण, आत्म-अध्ययन और अनुशासित अध्ययन समूहों से जुड़ने के लिए शुभ है। साथियों की तुलना या ईर्ष्या से बचें।

    निष्कर्ष -

    यह शनि वक्री गोचर आपकी उपलब्धियों, मित्रताओं और इच्छाओं को परखता है। इस दौरान फल की प्राप्ति में देरी हो सकती है, लेकिन आत्म विकास तेजी से हो सकता है। यह एक कर्मिक काल है जो आपको अपने मूल्यों को शुद्ध करने का अवसर देता है। अनुपयुक्त संबंधों को छोड़कर, आत्मनियंत्रण और विनम्रता के साथ अपने दीर्घकालिक लक्ष्यों की पुनः पुष्टि करें।

    उपाय -

    • शनिवार के दिन राजा दशरथ द्वारा रचित शनि स्तोत्र का पाठ करें।
    • काले उड़द, सरसों का तेल या चप्पल दान करें।
    • रोज़ाना कौओं को भोजन कराएं ताकि शनि की कर्मिक ऊर्जा संतुलित हो सके।
    • नीलम रत्न धारण करने से पूर्व किसी योग्य ज्योतिषाचार्य की सलाह अवश्य लें।

    यह राशिफल श्री आनंद सागर पाठक, astropatri.com द्वारा लिखा गया है, अपने सुझाव और प्रतिक्रियाओं के लिए आप उन्हें hello@astropatri.com पर ईमेल कर सकते हैं।