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    अगले साल इन 3 राशियों पर रहेगी शनि की साढ़ेसाती, पढ़ें शुभ और अशुभ फल के बारे में सबकुछ

    Updated: Mon, 03 Nov 2025 09:00 PM (IST)

    सनातन धर्म में न्याय के देवता शनिदेव (Shani Sade Sati 2025) अगले साल 2025 में दो बार अपनी चाल बदलेंगे। वे 27 जुलाई से 10 दिसंबर तक वक्री रहेंगे और फिर 11 दिसंबर को मार्गी होंगे। इस दौरान, मेष, कुंभ और मीन राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा, जिससे उन्हें जीवन में सम और विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। 

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    Saturn Sade Sati: शनिदेव कब करेंगे राशि परिवर्तन?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में शनिवार का दिन न्याय के देवता शनिदेव को प्रिय है। इस दिन शनिदेव और हनुमान जी की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही करियर और कारोबार में सफलता पाने के लिए शनिवार का व्रत रखते हैं।

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    शनिदेव कर्म के अनुसार फल देते हैं। बुरे कर्म करने वाले जातकों को शनिदेव दंड देते हैं। वहीं, अच्छे कर्म करने वाले जातकों पर शनिदेव की कृपा बरसती है। उनकी कृपा से जातक जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति करता है।

    ज्योतिषियों की मानें तो शनिदेव (zodiac signs 2025) अगले साल दो बार अपनी चाल बदलेंगे। इससे कई राशि के जातकों पर भाव, ग्रहों की स्थिति और किए गए कर्मों के अनुसार फल मिलेगा। इनमें 3 राशि के जातकों को जीवन में सम और विषम परिस्थिति पैदा हो सकती है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

    कब बदलेंगे अपनी चाल? (Saturn Sade Sati)

    न्याय के देवता शनिदेव अगले साल 27 जुलाई को वक्री होंगे और 10 दिसंबर तक वक्री रहेंगे। इसके अगले दिन यानी 11 दिसंबर को शनिदेव मार्गी होंगे। इस साल यानी अगले साल 2026 में शनिदेव मीन राशि में विराजमान रहेंगे।

    मेष राशि (Aries)

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    शनिदेव के मीन राशि में विराजमान होने के चलते मेष राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का पहला चरण चल रहा है। साढ़ेसाती के पहले चरण में शनि का प्रभाव मस्तिष्क पर अधिक रहता है। साढ़ेसाती के दौरान कई जातकों पर शनिदेव की कृपा बरसेगी। वहीं, अधार्मिक कार्यों में लिप्त जातकों को जीवन में चुनौतियों से गुजरना पड़ सकता है। कारोबार में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। पुत्र को लेकर चिंता रह सकती है। कठिन परिश्रम से सफलता मिलेगी। शनि वक्री के दौरान वाहन चलाते या यात्रा करते समय सावधानी बरतें।

    कुंभ राशि (Aquarius)

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    कुंभ राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का अंतिम चरण चल रहा है। इसका प्रभाव पैरों पर रहता है। आसान शब्दों में कहें तो साढ़ेसाती के पहले चरण में मस्तिष्क, दूसरे चरण में हृदय और तीसरे चरण में पैरों पर प्रभाव रहता है। इस दौरान मानसिक चिंता रह सकती है। जीवन में आर्थिक विषमता पैदा हो सकती है। शत्रु से भय रहेगा। आत्मिवश्वास में कमी रहेगी। यात्रा के समय चोट का खतरा है। वाद-विवाद से दूर रहें। शनि वक्री के दौरान पुरानी बीमारी से परेशान हो सकते हैं।

    मीन राशि (Pisces)

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    वर्तमान समय में न्याय के देवता शनिदेव मीन राशि में विराजमान हैं। इसके चलते मीन राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है। शनि की साढ़ेसाती के दौरान अधिक मेहनत करनी पड़ेगी। व्यर्थ की चिंता से परेशान रहेंगे। खासकर, भविष्य को लेकर मन में भय रहेगा। निजी रिश्ते में अनबन हो सकती है। धन हानि के भी योग दिख रहे हैं। सेहत में भी प्रतिकूलता देखने को मिल सकती है। शनि वक्री के दौरान भरोसेमंद लोगों से सावधान रहें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।