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    Vivah Panchami 2025: क्या सच में उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में विवाह करना होता है अशुभ? यहां समझें पूरा गणित

    Updated: Mon, 17 Nov 2025 08:00 PM (IST)

    विवाह पंचमी 25 नवंबर को मनाई जाएगी, जो भगवान राम और माता सीता के विवाह का उत्सव है। यह विवाह मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में हुआ था। ज्योतिषियों के अनुसार, इसी नक्षत्र में विवाह के कारण राम-सीता को कष्ट और वियोग सहना पड़ा था, इसलिए वे इस नक्षत्र में विवाह न करने की सलाह देते हैं।  

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    विवाह पंचमी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, मंगलवार 25 नवंबर को विवाह पंचमी है। यह पर्व हर साल अगहन यानी मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम और जगत जननी मां जानकी की पूजा की जाती है।

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    vivah panchami

    सनातन शास्त्रों में निहित है कि मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि (नक्षत्र विवाह मिथक) पर भगवान श्रीराम और मां सीता परिणय सूत्र में बंधे थे। इस शुभ अवसर पर हर साल धूमधाम से विवाह पंचमी का त्योहार मनाया जाता है।

    लेकिन क्या आपको पता है कि क्यों ज्योतिष उत्तराफाल्गुनी (Uttara Phalguni marriage compatibility) नक्षत्र में विवाह न करने की सलाह देते हैं और भगवान राम और मां सीता के विवाह से इसका क्या कनेक्शन है? आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-


    कब हुआ था विवाह?

    ज्योतिषियों की मानें तो त्रेता युग में सीता स्वयंवर में भगवान राम द्वारा पिनाक धनुष तोड़ने के बाद देवी मां जानकी ने भगवान श्रीराम को अपना वर रूप में स्वीकार किया। इसके बाद मार्गशीष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर भगवान राम और देवी मां सीता का विवाह हुआ। जिस समय भगवान श्रीराम और मां सीता का विवाह हुआ, उस समय उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का संयोग था।

    उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र (वेध दोष in Nakshatra)

    ज्योतिष उत्तराफाल्गुनी को अन्य कार्यों के लिए शुभ मानते हैं। हालांकि, विवाह के लिए उत्तम नहीं मानते हैं। उनका मत है कि उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में भगवान श्रीराम और देवी मां सीता का विवाह हुआ था। इसके लिए विवाह के बाद भगवान राम और मां सीता को कष्टों का सामना करना पड़ा था। इसके साथ ही वियोग भी मिला। इसके लिए ज्योतिष उत्तराफाल्गुनी में विवाह न करने की सलाह देते हैं।

    विवाह तिथि की गणना

    यदि आप परिणय सूत्र में बंधने वाले हैं, तो किसी योग्य ज्योतिष से अपनी कुंडली मिलान अवश्य कराएं। इस समय उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का भी विचार कराएं। यह ध्यान रखें कि उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का संयोग विवाह तिथि पर कब तक है? इसके साथ ही उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में विवाह करने के लिए भी आप ज्योतिष से परामर्श ले सकते हैं। किसी विशेष प्रयोजन में विवाह करने के लिए भी ज्योतिष से सलाह लें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।