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    Shattila Ekadashi पर भगवान विष्णु को चढ़ा सकते हैं बासी तुलसी की पत्तियां? जरूर जान लें नियम

    तुलसी भगवान विष्णु को अति प्रिय मानी गई है। ऐसे में एकादशी तिथि पर इस पौधे का महत्व और भी बढ़ जाता है। अगर आप एकादशी पर तुलसी से संबंधित कुछ बातों का ध्यान रखते हैं तो अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि क्या एकादशी पर भगवान विष्णु के भोग में बासी तुलसी के पत्ते शामिल किए जा सकते हैं।

    By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Thu, 23 Jan 2025 11:18 AM (IST)
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    Shattila Ekadashi 2025 भगवान विष्णु को कैसे चढ़ाएं तुलसी?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल माघ कृष्ण एकादशी पर षटतिला एकादशी मनाई जाती है। ऐसे में इस साल यह एकादशी 25 जनवरी 2025 को मनाई जा रही है। यह तिथि भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त करने के लिए बहुत उत्तम मानी गई है। इस दिन अगर आप तुलसी से जुड़ी कुछ बातों का ख्याल रखते हैं, तो इससे आपको व्रत का पूर्ण फल मिलता है।

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    षटतिला एकादशी का शुभ मुहूर्त (Shattila Ekadashi Muhurat)

    माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 24 जनवरी को शाम 07 बजकर 25 मिनट पर होने जा है। वहीं समापन की बात करें तो यह तिथि 25 जनवरी को रात 08 बजकर 31 मिनट तक रहने वाली है। ऐसे में उदया तिथि के मुताबिक, षटतिला एकादशी का व्रत शनिवार, 25 जनवरी को किया जाएगा।  

    बासी पत्तियां चढ़ाना सही?

    (Picture Credit: Freepik)

    भगवान विष्णु का भोग तुलसी दल के बिना अधूरा माना जाता है, इसलिए इस दिन उनके भोग में तुलसी की पत्तियां जरूर डालें। लेकिन आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि एकादशी पर तुलसी नहीं तोड़ी जाती है। ऐसे में आप इसे एक-दो दिन पहले तोड़कर रख सकते हैं।

    असल में जिस तरह गंगाजल कभी बासी नहीं होता, ठीक उसी तरह तुलसी के पत्तों को भी बासी नहीं माना जाता। ऐसे में आप कुछ दिन पहले तोड़ी गई तुलसी की पत्तियों को भी भगवान की पूजा में अर्पित कर सकते हैं।

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    कृपा के लिए करें ये काम

    षटतिला एकादशी के दिन आप देवी तुलसी को लाल चुनरी अर्पित कर सकते हैं। इसी के साथ तुलसी के समक्ष देसी घी का दीपक जलाएं और 7  बार परिक्रमा करें। इस दौरान हुए तुलसी मंत्रों का जप करें, जिससे आपको भगवान विष्णु के साथ-साथ देवी लक्ष्मी की भी कृपा की प्राप्ति हो सकती है -

    महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी। आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।