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    Pausha Putrada Ekadashi 2025: इन गलतियों से टूट सकता है एकादशी व्रत, जरूर रखें ध्यान

    Updated: Tue, 07 Jan 2025 12:50 PM (IST)

    एकादशी तिथि पर मुख्य रूप से जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। पौष माह में पुत्रदा एकादशी का व्रत किया जाता है जो न केवल संतान सुख की दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि इस व्रत को करने से साधक के सभी दुख भी दूर होते हैं। ऐसे में इस दिन पर कुछ नियमों का ध्यान जरूर रखना चाहिए।

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    Pausha Putrada Ekadashi 2025 एकादशी पर कौन-से काम नहीं करने चाहिए?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पंचांग के अनुसार, पौष पुत्रदा एकादशी (Ekadashi January 2025) शुक्रवार, 10 जनवरी को मनाई जाएगी, जो इस साल की पहली एकादशी भी होने वाली है। माना जाता है कि इस एकादशी का व्रत करने से निसंतान दंपत्ति को संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है। ऐसे में इस तिथि पर कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए, ताकि आपका व्रत खंडित न हो।

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    रखें इन बातों का ध्यान

    एकादशी का व्रत करने वाले साधक को भूल से भी अन्न खासकर चावल का सेवन नहीं करना चाहिए, इससे आपका व्रत खंडित माना जाता है। इसके स्थान पर आप फलाहार कर सकते हैं या फिर दूध का सेवन कर सकते हैं। आप अपनी श्रद्धा के अनुसार इस दिन पर निर्जला व्रत भी रख सकते हैं। एकादशी पर पूरे दिन उपवास रखने के बाद अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर अपने व्रत का पारण करें।

    तुलसी से जुड़े नियम

    इस बात का खास तौर से ध्यान रखें कि एकादशी के दिन भगवान विष्णु को सिर्फ सात्विक चीजों का ही भोग लगाए। साथ ही उनके भोग में तुलसी दल जरूर शामिल करें, क्योंकि मान्यताओं के अनुसार, तुलसी के बिना प्रभु श्रीहरि भोग स्वीकार नहीं करते। लेकिन इस बात का खास-तौर से ध्यान रखें कि इस दिन तुलसी में जल अर्पित न करें।

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    क्योंकि ऐसा माना जाता है कि एकादशी पर तुलसी जी, भगवान विष्णु के निमित्त निर्जला व्रत करती हैं। इसी के साथ एकादशी पर तुलसी को किसी भी प्रकार की हानि भी नहीं पहुंचानी चाहिए और न ही तुलसी के पत्ते तोड़ने चाहिए। ऐसा करने से आपका व्रत खंडित हो सकता है।

    भूल से भी न करें ये काम

    एकादशी के दिन वाद-विवाद दूर रहें और न ही मन में बुरे विचार लाएं। इस दिन चोरी, क्रोध और झूठ बोलने आदि कार्यों से बचना चाहिए, वरना आपको व्रत का शुभ फल प्राप्त नहीं होता। वैसे तो यह सभी काम किसी भी नहीं करने चाहिए, लेकिन एकादशी के दिन इन नियमों का ध्यान विशेष रूप से रखें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।