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    Papmochani Ekadashi 2025: पापमोचनी एकादशी पर करें भगवान नृसिंह के नामों का जप, मिट जाएंगे सारे कष्ट

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Sun, 23 Mar 2025 07:50 PM (IST)

    ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी (Papmochani Ekadashi 2025) तिथि पर दुर्लभ शिव योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही सिद्ध और शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इन योग में जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। एकादशी तिथि पर मंदिरों में भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है।

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    Papmochani Ekadashi 2025: पापमोचनी एकादशी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, मंगलवार 25 मार्च को पापमोचनी एकादशी है। यह पर्व हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन लक्ष्मी नारायण जी की पूजा की जाती है। साथ ही एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत की महिमा सनातन शास्त्रों में विस्तारपूर्वक बताया गया है।

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    धार्मिक मत है कि पापमोचनी एकादशी व्रत करने से साधक द्वारा जाने-अनजाने में किए गए पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही सुख और सौभाग्य में अपार वृद्धि होती है। इसके अलावा, साधक को उच्च लोक में स्थान मिलता है। अगर आप भी लक्ष्मी नारायण जी की कृपा पाना चाहते हैं, तो पापमोचनी एकादशी पर भक्ति भाव से जगत के पालनहार की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय भगवान नृसिंह के नामों का जप करें।

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    भगवान नृसिंह 108 नाम

    1. ॐ नारसिंहाय नमः।
    2. ॐ महासिंहाय नमः।
    3. ॐ दिव्यसिंहाय नमः।
    4. ॐ महाबलाय नमः।
    5. ॐ उग्रसिंहाय नमः।
    6. ॐ महादेवाय नमः।
    7. ॐ स्तम्भजाय नमः।
    8. ॐ उग्रलोचनाय नमः।
    9. ॐ रौद्राय नमः।
    10. ॐ सर्वाद्भुताय नमः।
    11. ॐ श्रीमते नमः।
    12. ॐ योगानन्दाय नमः।
    13. ॐ त्रिविक्रमाय नमः।
    14. ॐ हरये नमः।
    15. ॐ कोलाहलाय नमः।
    16. ॐ चक्रिणे नमः।
    17. ॐ विजयाय नमः।
    18. ॐ जयवर्धनाय नमः।
    19. ॐ पञ्चाननाय नमः।
    20. ॐ परब्रह्मणे नमः।
    21. ॐ अघोराय नमः।
    22. ॐ घोरविक्रमाय नमः।
    23. ॐ ज्वलन्मुखाय नमः।
    24. ॐ ज्वालमालिने नमः।
    25. ॐ महाज्वालाय नमः।
    26. ॐ महाप्रभवे नमः।
    27. ॐ निटिलाक्षाय नमः।
    28. ॐ सहस्राक्षाय नमः।
    29. ॐ दुर्निरीक्ष्याय नमः।
    30. ॐ प्रतापनाय नमः।
    31. ॐ महादंष्ट्रायुधाय नमः।
    32. ॐ प्राज्ञाय नमः।
    33. ॐ चण्डकोपिने नमः।
    34. ॐ सदाशिवाय नमः।
    35. ॐ हिरण्यकशिपुध्वंसिने नमः।
    36. ॐ दैत्यदानवभञ्जनाय नमः।
    37. ॐ गुणभद्राय नमः।
    38. ॐ महाभद्राय नमः।
    39. ॐ बलभद्राय नमः।
    40. ॐ सुभद्रकाय नमः।
    41. ॐ करालाय नमः।
    42. ॐ विकरालाय नमः।
    43. ॐ विकर्त्रे नमः।
    44. ॐ सर्वकर्तृकाय नमः।
    45. ॐ शिंशुमाराय नमः।
    46. ॐ त्रिलोकात्मने नमः।
    47. ॐ ईशाय नमः।
    48. ॐ सर्वेश्वराय नमः।
    49. ॐ विभवे नमः।
    50. ॐ भैरवाडम्बराय नमः।
    51. ॐ दिव्याय नमः।
    52. ॐ अच्युताय नमः।
    53. ॐ कविमाधवाय नमः।
    54. ॐ अधोक्षजाय नमः।
    55. ॐ अक्षराय नमः।
    56. ॐ शर्वाय नमः।
    57. ॐ वनमालिने नमः।
    58. ॐ वरप्रदाय नमः।
    59. ॐ विश्वम्भराय नमः।
    60. ॐ अद्भुताय नमः।
    61. ॐ भव्याय नमः।
    62. ॐ श्रीविष्णवे नमः।
    63. ॐ पुरुषोत्तमाय नमः।
    64. ॐ अनघास्त्राय नमः।
    65. ॐ नखास्त्राय नमः।
    66. ॐ सूर्यज्योतिषे नमः।
    67. ॐ सुरेश्वराय नमः।
    68. ॐ सहस्रबाहवे नमः।
    69. ॐ सर्वज्ञाय नमः।
    70. ॐ सर्वसिद्धिप्रदायकाय नमः।
    71. ॐ वज्रदंष्ट्राय नमः।
    72. ॐ वज्रनखाय नमः।
    73. ॐ महानन्दाय नमः।
    74. ॐ परन्तपाय नमः।
    75. ॐ सर्वयन्त्रैकरूपाय नमः।
    76. ॐ सर्वयन्त्रविदारणाय नमः।
    77. ॐ सर्वतन्त्रात्मकाय नमः।
    78. ॐ अव्यक्ताय नमः।
    79. ॐ सुव्यक्ताय नमः।
    80. ॐ भक्तवत्सलाय नमः।
    81. ॐ वैशाखशुक्लभूतोत्थाय नमः।
    82. ॐ शरणागतवत्सलाय नमः।
    83. ॐ उदारकीर्तये नमः।
    84. ॐ पुण्यात्मने नमः।
    85. ॐ महात्मने नमः।
    86. ॐ चण्डविक्रमाय नमः।
    87. ॐ वेदत्रयप्रपूज्याय नमः।
    88. ॐ भगवते नमः।
    89. ॐ परमेश्वराय नमः।
    90. ॐ श्रीवत्साङ्काय नमः।
    91. ॐ श्रीनिवासाय नमः।
    92. ॐ जगद्व्यापिने नमः।
    93. ॐ जगन्मयाय नमः।
    94. ॐ जगत्पालाय नमः।
    95. ॐ जगन्नाथाय नमः।
    96. ॐ महाकायाय नमः।
    97. ॐ द्विरूपभृते नमः।
    98. ॐ परमात्मने नमः।
    99. ॐ परंज्योतिषे नमः।
    100. ॐ निर्गुणाय नमः।
    101. ॐ नृकेसरिणे नमः।
    102. ॐ परतत्त्वाय नमः।
    103. ॐ परंधाम्ने नमः।
    104. ॐ सच्चिदानन्दविग्रहाय नमः।
    105. ॐ लक्ष्मीनृसिंहाय नमः।
    106. ॐ सर्वात्मने नमः।
    107. ॐ धीराय नमः।
    108. ॐ प्रह्लादपालकाय नमः।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।