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    Nirjala Ekadashi 2025: एकादशी के दिन चावल खाने की क्यों है मनाही? पढ़िए महर्षि मेधा से जुड़ी कथा

    Updated: Wed, 04 Jun 2025 10:36 AM (IST)

    हर महीने में 2 बार एकादशी (Nirjala Ekadashi 2025) व्रत किया जाता है। इस तिथि पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करना शुभ माना जाता है। इस दिन चावल का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। इस तरह की गलती करने से जीवन में अशुभ परिणाम मिलते हैं।

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    एकादशी के दिन चावल क्यों नहीं खाते हैं? (Pic Credit- Freepik)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर निर्जला एकादशी व्रत किया जाता है। इस बार निर्जला एकादशी 06 जून को मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यता के अनुसार, एकादशी के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से जीवन में सभी सुख मिलते हैं। साथ ही सभी पापों से छुटकारा मिलता है।

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    सनातन शास्त्रों में इस व्रत के नियम भी बताए गए हैं, जिनका पालन जरूर करना चाहिए। एकादशी तिथि (Nirjala Ekadashi 2025 Upay) पर चावल का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस गलती को करने से साधक को पाप का सामना करना पड़ता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एकादशी के दिन चावल क्यों नहीं खाने चाहिए। अगर नहीं पता, तो ऐसे आइए आपको बताएंगे इसकी वजह के बारे में।

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    पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार यज्ञ में भिखारी के आने का महर्षि मेधा ने अपमान कर दिया, जिससे मां दुर्गा को क्रोध आया। देवी के क्रोध से बचने के लिए महर्षि मेधा ने अपना शरीर का त्याग कर दिया, जिसके बाद महर्षि मेधा का शरीर धरती में समा गया। देवी दुर्गा उसके पाप कर्म के फल को देख प्रसन्न हुईं और उन्हें आशीर्वाद दे दिया कि महर्षि मेधा चावल में रूप में उत्पन्न होंगे। इसके बाद महर्षि मेधा चावल के रूप में उत्पन्न हुए।

    धार्मिक मान्यता के अनुसार, एकादशी के दिन चावल का सेवन मांस खाने का समान माना जाता है। इसी वजह से इस तिथि पर चावल खाने की मनाही है। ऐसा माना जाता है एकादशी के दिन चावल खाने से व्यक्ति को अगला जन्म रेंगने वाले जीव की योनि में मिलता है।

    निर्जला एकादशी 2025 शुभ मुहूर्त (Nirjala Ekadashi 2025 Shubh Muhurt)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 06 जून को देर रात 02 बजकर 15 मिनट से होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 07 जून को सुबह 04 बजकर 47 मिनट पर होगा। ऐसे में 06 जून को निर्जला एकादशी व्रत किया जाएगा।

    निर्जला एकादशी 2025 व्रत पारण का टाइम (Nirjala Ekadashi 2025 Vrat Paran Time)

    व्रत का पारण करने का समय 7 जून को दोपहर 01 बजकर 44 मिनट से लेकर शाम 04 बजकर 31 मिनट तक है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।