Nirjala Ekadashi 2025: निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा के लिए करें ये काम
हिंदू धर्म में निर्जला एकादशी को सबसे अधिक महत्व दिया जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस एकादशी का व्रत करने से साल भर की एकादशियों के व्रत का पुण्य मिलता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। ऐसे में अगर आप इस दिन पर कुछ खास काम करते हैं तो आपको लाभ हो सकता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। एकादशी तिथि (Ekadashi 2025) को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए एक उत्तम तिथि माना गया है। वहीं ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली निर्जला एकादशी व्रत करने से साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है। इस एकादशी को भीमसेनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे में अगर आप इस दिन पर ये काम करते हैं, तो इससे आपको भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा की प्राप्ति हो सकती है।
कैसे करें पूजा
निर्जला एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठें और भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। स्नान आदि से निवृत होने के बाद पूजा स्थल की सफाई करने के बाद गंगाजल का छिड़काव करें। अब एक चौकी बिछाकर उसपर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं और भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें।
लक्ष्मी जी और विष्णु जी का पूजन करें और उन्हें फल-फूल और भोग आदि अर्पित करें। अंत में एकादशी कथा का पाठ जरूर करें। अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर प्रात: भगवान विष्णु का पूजन करने के बाद व्रत का पारण करें।
अर्पित करें ये चीजें
निर्जला एकादशी की पूजा में आप भगवान विष्णु को पीले रंग के फूल, पीले रंग की मिठाई और चंदन अर्पित करना चाहिए। इसी के साथ भगवान विष्णु को तुलसी पत्र भी अवश्य चढ़ाएं। इसी के साथ मां लक्ष्मी को मखाने का भोग लगाना चाहिए।
जरूर करें ये काम
निर्जला एकादशी के दिन पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाएं और परिक्रमा करें। ऐसा करने से आपको भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही धन संबंधी समस्याएं भी दूर होने लगती हैं।
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(Picture Credit: Freepik) (AI Image)
करें इन मंत्रों का जप
भगवान विष्णु के मंत्र -
1. 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
2. ॐ विष्णवे नमः
3. श्रीमन नारायण नारायण हरि हरि
4. भगवान विष्णु गायत्री मंत्र - ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयात:
मां लक्ष्मी के मंत्र -
1. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:
2. ॐ लक्ष्मी नमः
3. ॐ ह्रीं ह्रीं श्री लक्ष्मी वासुदेवाय नम:
4. लक्ष्मी विनायक मंत्र -
दन्ता भये चक्र दरो दधानं,
कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृता ब्जया लिंगितमब्धि पुत्रया,
लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।
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