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    Nirjala Ekadashi 2025 Bhog: निर्जला एकादशी के दिन श्रीहरि को लगाएं ये भोग, मिलेंगे शुभ परिणाम

    Updated: Wed, 04 Jun 2025 03:32 PM (IST)

    ऐसा माना जाता है कि निर्जला एकादशी की पूजा थाली में प्रिय भोग शामिल करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है। ऐसे में आइए इस आर्टिकल में आपको बताएंगे कि निर्जला एकादशी (निर्जला Ekadashi 2025 Bhog) की पूजा थाली में किन भोग को शामिल करना चाहिए।

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    Nirjala Ekadashi 2025: भगवान विष्णु को किन चीजों का लगाएं भोग

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सभी तिथियों में एकादशी तिथि को खास माना जाता है। इस तिथि को जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए शुभ माना जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi 2025) के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत को विधिपूर्वक करने से साधक को सभी एकादशियो के व्रत का शुभ फल मिलता है। साथ ही सभी तरह के पापों से छुटकारा मिलता है। निर्जला एकादशी के दिन पूजा के दौरान विष्णु जी को प्रिय चीजों का भोग जरूर लगाएं।

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    भगवान विष्णु के प्रिय भोग (Bhagwan Vishnu Ke Priya Bhog)

    भगवान विष्णु को पंचामृत (Lord Vishnu Favourite Bhog) अधिक प्रिय है, तो निर्जला एकादशी के दिन पूजा थाली में पंचामृत में जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु को पंचामृत का भोग लगाने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति से होती है। साथ ही प्रभु प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। एक बात का खास ध्यान रखें कि भोग थाली में तुलसी के पत्ते जरूर शामिल करें। तुलसी के पत्ते के बिना श्रीहरि भोग को स्वीकार नही करते हैं।

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    इसके अलावा भगवान विष्णु को पीला रंग प्रिय है, तो ऐसे में आप निर्जला एकादशी की पूजा के दौरान केले और पीली मिठाई का भोग लगाएं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इन चीजों का भोग लगाने से साधक को प्रभु की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में शुभ परिणाम मिलते हैं। साथ ही कुंडली में उत्पन्न गुरु दोष दूर होता है।

    निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु को साबूदाने की खीर और साबूदाने की कचौड़ी का भोग लगाएं। इससे साधक के जीवन की नकारात्मकता दूर होती है। साथ ही पूजा का पूर्ण फल मिलता है।

    भोग मंत्र (Bhog Mantra)

    निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु को भोग लगाते समय नीचे दिए मंत्र का जप जरूर करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस मंत्र के जप के द्वारा श्रीहरि भोग को स्वीकार करते हैं।

    त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये।

    गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।

    इस मंत्र का अर्थ यह है कि हे प्रभु जो भी मेरे पास है। वो आपका ही दिया हुआ है। जो आपको ही अर्पित कर रहे हैं। मेरे इस भोग को आप स्वीकार करें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।