June Ekadashi Vrat 2025: कब मनाई जाएगी निर्जला और योगिनी एकादशी? यहा जानें शुभ मुहूर्त एवं महत्व
सनातन धर्म में एकादशी (June Ekadashi Vrat 2025) तिथि का खास महत्व है। यह पर्व पूर्णतया भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर लक्ष्मी नारायण जी की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। एकादशी तिथि पर मंदिरों में लक्ष्मी नारायण जी की विशेष पूजा की जाती है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत की महिमा सनातन शास्त्रों में वर्णित है।
धार्मिक मत है कि एकादशी व्रत करने से साधक पर लक्ष्मी नारायण जी की कृपा बरसती है। उनकी कृपा से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही मृत्यु उपरांत उच्च लोक में स्थान मिलता है। वैष्णव समाज के लोग एकादशी पर्व धूमधाम से मनाते हैं। आइए, जून महीने में पड़ने वाली एकादशी की डेट, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-
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कब मनाई जाती है निर्जला एकादशी?
हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी मनाई जाती है। इसे भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है। महाभारतकाल में गदाधारी भीम निर्जला एकादशी का व्रत रखते थे। इसके लिए इसे भीमसेनी एकादशी कहते हैं। इस व्रत का पुण्य फल सभी एकादशियों के समान होता है। इस साल 06 जून को निर्जला एकादशी है।
निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi 2025)
वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 06 जून को देर रात 02 बजकर 15 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 07 जून को सुबह 04 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। इसके लिए 06 जून को निर्जला एकादशी मनाई जाएगी।
कब मनाई जाती है योगिनी एकादशी?
हर साल आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को योगिनी एकादशी मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही लक्ष्मी नारायण जी के निमित्त व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक पर भगवान विष्णु की कृपा बरसती है।
योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi 2025)
वैदिक पंचांग के अनुसार, 21 जून को सुबह 07 बजकर 18 मिनट पर आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि शुरू होगी। वहीं, 22 जून को सुबह 04 बजकर 27 मिनट पर आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि समाप्त होगी। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। इसके लिए 21 जून को योगिनी एकादशी मनाई जाएगी।
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