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    Mokshada Ekadashi 2024 Bhog: इन प्रिय भोग को पूजा थाली में करें शामिल, कारोबार में होगी अपार वृद्धि

    हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर व्रत करने का विधान है। मान्यता है कि एकादशी की पूजा थाली में विशेष भोग को शामिल न करने से जातक पूजा के पूर्ण फल की प्राप्ति से वंचित रहता है। इसलिए पूजा में विशेष भोग को जरूर शामिल करें। ऐसे में आइए विस्तार से जानते हैं मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi Ke Bhog) के भोग के बारे में।

    By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Tue, 10 Dec 2024 05:36 PM (IST)
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    Lord Vishnu: श्रीहरि को लगाएं इन चीजों का भोग

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Lord Vishnu Favourite Bhog and Mantra: पंचांग के अनुसार, इस बार मोक्षदा एकादशी का व्रत 11 दिसंबर (Mokshada Ekadashi 2024 Date) को किया जाएगा। यह तिथि को जगत के पालनहार भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए बेहद उत्तम मानी जाती है। इस दिन शुभ मुहूर्त में विधिपूर्वक उपासना करें और व्रत का संकल्प लें। इससे जीवन में सफलता के मार्ग खुलेंगे। अगर आप श्रीहरि को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो मोक्षदा एकादशी के दिन विष्णु जी और देवी लक्ष्मी को प्रिय चीजों का भोग जरूर लगाएं। साथ ही तुलसी के पत्ते भी शामिल करें। मान्यता है कि एकादशी के दिन प्रभु को भोग अर्पित करने से कारोबार में वृद्धि होती है और सभी मुरादें पूरी होती हैं।

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    मोक्षदा एकादशी 2024 शुभ मुहूर्त (Mokshada Ekadashi 2024 Shubh Muhurat)

    पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 11 दिसंबर को देर रात 03 बजकर 42 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 12 दिसंबर (Mokshada Ekadashi 2024 Puja Time) को देर रात 01 बजकर 09 मिनट पर होगा। ऐसे में 11 दिसंबर को मोक्षदा एकादशी व्रत किया जाएगा।

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    इन चीजों का लगाएं भोग (Bhagwan Vishnu Ke Bhog)

    • मान्यता है कि श्रीहरि को पीला रंग रंग प्रिय है। ऐसे में मोक्षदा एकादशी की पूजा में भगवान विष्णु को केले और पीली मिठाई का भोग लगाएं। इससे विष्णु जी प्रसन्न होते हैं और सभी मुरादें पूरी होती हैं।
    • इसके अलावा पूजा थाली में पंचामृत भी शामिल करना चाहिए। मान्यता है कि पंचामृत का भोग लगाने से जातक को जल्द ही मनचाहा करियर प्राप्त होता है और रुके हुए काम पूरे होते हैं। साथ ही जातक को आर्थिक तंगी की समस्या से छुटकारा मिलता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी के पत्ते भी जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के पत्ते के विष्णु जी भोग स्वीकार नहीं करते हैं। साथ ही नारियल, केसर की खीर, मखाने की खीर, पंजीरी भी शामिल कर सकते हैं।

    भोग मंत्र (Bhog Mantra)

    मोक्षदा एकादशी के पूजा के दौरान विष्णु जी भोग अर्पित करते समय निम्न मंत्र का जप करना चाहिए।

    त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये।

    गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।

    इस मंत्र का अर्थ है कि हे भगवान जो भी मेरे पास है। वो आपका दिया हुआ है। मैं आपको दिया हुआ अर्पित करता हूं। मेरे इस भोग को आप स्वीकार करें।

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    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'