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    Kamika Ekadashi 2024: द्वादशी तिथि पर सरल विधि से करें कामिका एकादशी व्रत का पारण, पुण्य की होगी प्राप्ति

    Updated: Wed, 31 Jul 2024 11:47 AM (IST)

    सावन में पड़ने वाली कामिका एकादशी व्रत (Kamika Ekadashi 2024 Vrat Paran Vidhi) को करने से गलती से किए गए पापों से छुटकारा मिलता है। मान्यता है कि एकादशी व्रत का पारण न करने से साधक पुण्य की प्राप्ति से वंचित रहता है। इसलिए व्रत का पारण द्वादशी तिथि में करें। ऐसे में आइए जानते हैं कामिका एकादशी व्रत पारण का मुहूर्त और विधि के बारे में।

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    Kamika Ekadashi 2024: इस मुहूर्त में करें कामिका एकादशी व्रत का पारण

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Kamika Ekadashi 2024 Vrat Paran Time: हर वर्ष सावन के महीने में कामिका एकादशी व्रत किया जाता है। पंचांग के अनुसार, इस बार कामिका एकादशी व्रत आज यानी 31 जुलाई (Kab Hai Kamika Ekadashi 2024) को है। इस दिन सुबह पूजा के दौरान व्रत का संकल्प लेने का विधान है और द्वादशी तिथि में व्रत का पारण किया जाता है। इस दौरान श्रद्धा अनुसार दान करना चाहिए। साथ ही भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से श्रीहरि प्रसन्न होते हैं और जातक का जीवन खुशियों से भर जाता है और हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।

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    कब है कामिका एकादशी 2024 (Kab Hai Kamika Ekadashi 2024)

    पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 30 जुलाई 2024 को शाम 04 बजकर 44 मिनट पर हो गई है। वहीं, इसका समापन 31 जुलाई 2024 को दोपहर 03 बजकर 55 मिनट पर होगा। ऐसे में कामिका एकादशी व्रत आज यानी 31 जुलाई को किया जा रहा है।

    कामिका एकादशी 2024 व्रत पारण का समय (Kamika Ekadashi 2024 Vrat Paran Time)

    एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि में किया जाता है। कामिका एकादशी व्रत का पारण 31 अगस्त को सुबह 05 बजकर 43 मिनट से लेकर 08 बजकर 24 मिनट के बीच में कर सकते हैं।

    कामिका एकादशी व्रत पारण (Kamika Ekadashi Vrat Paran Vidhi)

    कामिका एकादशी के अगले दिन यानी द्वादशी तिथि में ब्रह्म मुहूर्त में उठें और दिन की शुरुआत देवी-देवताओं के ध्यान से करें। स्नान कर पीले वस्त्र धारण करें। सूर्य देव को जल अर्पित कर दीपक जलाकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आरती करें। साथ ही मंत्रों का जप करें। प्रभु को फल और मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाएं। इसके पश्चात गरीबों में अन्न, वस्त्र और धन समेत आदि चीजों का दान करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार व्रत का पारण करने से साधक को पुण्य की प्राप्ति होती है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्नमाध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।