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    Kamada Ekadashi 2025 Date: कब है कामदा एकादशी? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

    हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष में नवरात्र मनाया जाता है। चैत्र नवरात्र के दौरान जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा की जाती है। साथ ही मां दुर्गा के निमित्त नवरात्र का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi 2025 Date) मनाई जाती है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Fri, 07 Mar 2025 11:00 PM (IST)
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    Kamada Ekadashi 2025 Date: कामदा एकादशी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Kamada Ekadashi 2025 Date: हर साल चैत्र महीने में कामदा एकादशी मनाई जाती है। यह पर्व चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही उनकी कृपा-दृष्टि पाने के लिए एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। आइए, कामदा एकादशी की सही डेट और शुभ मुहूर्त जानते हैं-

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    कामदा एकादशी शुभ मुहूर्त (Kamada Ekadashi Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 07 अप्रैल को रात 08 बजे से होगी। वहीं, एकादशी तिथि का समापन 08 अप्रैल को रात 09 बजकर 12 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में सूर्योदय के बाद से तिथि की गणना होती है। अत: 08 अप्रैल को कामदा एकादशी मनाई जाएगी।

    कामदा एकादशी पारण समय

    कामदा एकादशी का पारण 08 अप्रैल को किया जाएगा। पारण का समय 08 अप्रैल को सुबह 06 बजकर 02 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 34 मिनट के मध्य पारण कर सकते हैं। इस दौरान साधक विधिवत लक्ष्मी नारायण की पूजा करें। इसके बाद अन्न और धन का दान करें। पूजा और दान के बाद व्रत खोलें।

    कामदा एकादशी शुभ योग (Kamada Ekadashi Shubh Yoga)

    ज्योतिषियों की मानें तो कामदा एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही अश्लेषा नक्षत्र का संयोग है। इन योग में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 03 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 43 मिनट पर
    • चंद्रोदय- दोपहर 02 बजकर 44 मिनट पर
    • चंद्रास्त- सुबह 04 बजकर 06 मिनट पर (09 अप्रैल)
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 32 मिनट से 05 बजकर 18 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 20 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 42 मिनट से 07 बजकर 04 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त- रात 12 बजे से 12 बजकर 45 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।