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    Ekadashi Vrat 2025 Date: कब मनाई जाएगी इंदिरा और पापांकुशा एकादशी? यहां जानें शुभ मुहूर्त एवं योग

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Tue, 03 Jun 2025 07:34 PM (IST)

    आश्विन माह में पितृ पक्ष (pitru paksha 2025) मनाया जाता है। इस दौरान पितरों का तर्पण एवं पिंडदान किया जाता है। पितरों का तर्पण एवं पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही व्यक्ति के सुख और सौभाग्य में अपार वृद्धि होती है। पितृ पक्ष के दौरान इंदिरा एकादशी मनाई जाती है।

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    Ekadashi Vrat 2025 Date: इंदिरा एकादशी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में आश्विन माह का खास महत्व है। यह महीना जगत की देवी मां दुर्गा को समर्पित है। इस महीने में कृष्ण पक्ष के दौरान पितरों की पूजा की जाती है। इसके साथ ही तर्पण एवं पिंडदान किया जाता है। वहीं, शुक्ल पक्ष में शारदीय नवरात्र मनाया जाता है। इस दौरान जगत की देवी मां दुर्गा की भक्ति भाव से पूजा की जाती है।

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    आश्विन माह में इंदिरा और पापांकुशा एकादशी भी मनाई जाती है। इस दौरान जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। साथ ही एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है।  

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    कब मनाई जाती है इंदिरा एकादशी?

    हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को इंदिरा एकादशी मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। यह पर्व पितृ पक्ष के दौरान मनाया जाता है। इस व्रत को करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही मनचाही मुराद पूरी होती है।

    इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi 2025)

    वैदिक पंचांग के अनुसार,  17 सितंबर को देर रात 12 बजकर 21 मिनट पर आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत होगी। वहीं, 17 सिंतबर को देर रात 11 बजकर 39 मिनट पर एकादशी तिथि समाप्त होगी। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना होती है। इसके लिए 17 सितंबर को इंदिरा एकादशी मनाई जाएगी।

    कब मनाई जाती है पापांकुशा एकादशी?

    हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन पापांकुशा एकादशी मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर भगवान विष्णु और देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही मनचाही मुराद पाने के लिए एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से जन्म-जन्मांतर में किए गए पाप नष्ट हो जाते हैं।

    पापांकुशा एकादशी (Papankusha Ekadashi 2025)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, 02 अक्टूबर को शाम 07 बजकर 10 मिनट पर आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि शुरू होगी। वहीं, 03 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी। इस साल 03 अक्टूबर को पापांकुशा एकादशी मनाई जाएगी।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।