Indira Ekadashi 2025 Date: 17 या 18 सितंबर, कब है इंदिरा एकादशी? एक क्लिक में नोट करें शुभ मुहूर्त और योग
17 सितंबर के दिन इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi 2025) का व्रत रखा जाएगा। इस शुभ अवसर पर शिववास योग समेत कई कल्याणकारी योग बन रहे हैं। इन योग में जगत के पालनहार भगवान विष्णु और देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाएगी। साथ ही पितरों का तर्पण भी किया जाएगा।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आश्विन माह का विशेष महत्व है। इस महीने में पितृ पक्ष और शारदीय नवरात्र मनाया जाता है। पितृ पक्ष आश्विन माह के कृष्ण पक्ष में पड़ता है। वहीं, शुक्ल पक्ष में शारदीय नवरात्र का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान जगत की देवी मां दुर्गा और उनके नौ रूपों की भक्ति भाव से पूजा की जाती है।
आश्विन महीने में कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन इंदिरा एकादशी मनाई जाती है। यह पर्व पूर्णतया जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर लक्ष्मी नारायण जी की पूजा की जाती है। साथ ही मनचाही मुराद पाने के लिए एकादशी का व्रत रखा जाता है।
इंदिरा एकादशी का व्रत करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही साधक के पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके लिए इंदिरा एकादशी के दिन पितरों का श्राद्ध और तर्पण भी किया जाता है। आइए, इंदिरा एकादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त और योग जानते हैं-
इंदिरा एकादशी कब मनाई जाती है?
हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष में इंदिरा एकादशी मनाई जाती है। यह पर्व पितृपक्ष के दौरान मनाया जाता है। इस साल पितृपक्ष की शुरुआत 07 सितंबर से हुई है। वहीं, 21 सितंबर को पितृ पक्ष का समापन होगा। इस दिन सर्व पितृ अमावस्या मनाई जाएगी। वहीं, पितृ पक्ष की एकादशी तिथि पर इंदिरा एकादशी मनाई जाती है।
कब है इंदिरा एकादशी?
वैदिक पंचांग की गणना अनुसार, बुधवार 17 सितंबर को इंदिरा एकादशी का व्रत रखा जाएगा। वहीं, गुरुवार 18 सितंबर को इंदिरा एकादशी का पारण किया जाएगा। आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 16 सितंबर को मध्य रात 12 बजकर 21 मिनट पर होगी। वहीं, अंग्रेजी कैलेंडर से 17 सितंबर को देर रात 12 बजकर 21 मिनट से होगी। सनातन धर्म में प्रदोष व्रत और निशा काल में होने वाली पूजा को छोड़कर अन्य सभी पर्वों पर सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। इसके लिए बुधवार 17 सितंबर को इंदिरा एकादशी मनाई जाएगी।
इंदिरा एकादशी पर महासंयोग
इस साल इंदिरा एकादशी के दिन महासंयोग बन रहा है। इस शुभ अवसर पर आत्मा के कारक सूर्य देव राशि परिवर्तन करेंगे। सूर्य देव इंदिरा एकादशी यानी 17 सितंबर को सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में गोचर करेंगे। सूर्य देव के कन्या राशि में गोचर करने की तिथि पर कन्या संक्रांति मनाई जाएगी। वहीं, कन्या संक्रांति के दिन विश्वकर्मा पूजा मनाई जाती है। अतः इंदिरा एकादशी के दिन कन्या संक्रांति और विश्वकर्मा पूजा मनाई जाएगी। इसके साथ ही एकादशी तिथि का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान भी किया जाएगा।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 07 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 24 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 33 मिनट से 05 बजकर 20 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 18 मिनट से 03 बजकर 07 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 24 मिनट से 06 बजकर 47 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 52 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक
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