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    Indira Ekadashi 2025: आश्विन माह में कब-कब है एकादशी? यहां जानें शुभ मुहूर्त एवं महत्व

    धार्मिक मत है कि एकादशी व्रत करने से जातक पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है। उनकी कृपा से साधक को जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही लक्ष्मी जी की कृपा से घर में सुख और शांति बनी रहती है।

    By Pravin Kumar Edited By: Pravin Kumar Updated: Wed, 27 Aug 2025 06:12 PM (IST)
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    Indira Ekadashi 2025: एकादशी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में आश्विन माह का खास महत्व है। यह महीना जगत जननी आदिशक्ति देवी मां दुर्गा को समर्पित होता है। इस महीने में शारदीय नवरात्र मनाया जाता है। इस दौरान देवी मां दुर्गा और उनके नौ रूपों की पूजा की जाती है। साथ ही मां दुर्गा के निमित्त शारदीय नवरात्र का व्रत रखा जाता है।

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    सनातन शास्त्रों में देवी मां दुर्गा की महिमा का वर्णन विस्तार पूर्वक किया गया है। देवी मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इस महीने में इंदिरा और पापाकुंशा एकादशी मनाई जाती है। आइए, इंदिरा एकादशी और पापाकुंशा एकादशी की सही डेट और शुभ मुहूर्त जानते हैं-

    कब मनाई जाती है इंदिरा एकादशी?

    पितृ पक्ष के दौरान इंदिरा एकादशी मनाई जाती है। इस दिन पितरों का तर्पण करने से तीन पीढ़ी के पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके लिए तर्पण के समय तीन बार तर्पण किया जाता है। यह पर्व हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

    इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi 2025)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 17 सितंबर को है। इस तिथि की शुरुआत 16 सितंबर (हिंदी पंचांग से) को देर रात 12 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 17 सितंबर को देर रात 11 बजकर 39 मिनट पर एकादशी तिथि का समापन होगा। इस प्रकार 17 सितंबर को इंदिरा एकादशी मनाई जाएगी।

    कब मनाई जाती है पापांकुशा एकादशी?

    आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर पापांकुशा एकादशी मनाई जाती है। इससे एक दिन पहले विजयादशमी मनाई जाती है।  विजयादशमी को दशहरा भी कहा जाता है। वहीं, शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक शारदीय नवरात्र मनाया जाता है। पापांकुशा एकादशी का व्रत करने से जाने-अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है।

    पापांकुशा एकादशी (Papankusha Ekadashi 2025)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, 02 अक्टूबर को शाम 07 बजकर 10 मिनट पर आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि शुरू होगी और 03 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 32 पर एकादशी तिथि समाप्त होगी। उदया तिथि गणना से 02 अक्टूबर को पापांकुशा एकादशी मनाई जाएगी।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।