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    Indira Ekadashi 2025 Date: किस दिन मनाई जाएगी इंदिरा एकादशी? नोट करें मुहूर्त और महत्व

    हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष के दौरान पितरों की पूजा की जाती है। कहते हैं कि आश्विन माह के कृष्ण पक्ष में पितृ धरती पर निवास करते हैं। इसके लिए पितृ पक्ष के दौरान पितरों का तर्पण और पिंडदान किया जाता है। पितृ पक्ष की एकादशी तिथि को इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi 2025 Date) मनाई जाती है।

    By Pravin Kumar Edited By: Pravin Kumar Updated: Sun, 24 Aug 2025 08:00 PM (IST)
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    Indira Ekadashi 2025 Date: इंदिरा एकादशी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में इंदिरा एकादशी का खास महत्व है। यह पर्व हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर लक्ष्मी नारायण जी की पूजा की जाती है। साथ ही इंदिरा एकादशी का व्रत रखा जाता है।

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    धार्मिक मत है कि इंदिरा एकादशी व्रत करने से न केवल साधक की हर मनोकामना पूरी होती है, ब्लकि पितरों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है। उन्हें नरक की यातनाओं से मुक्ति मिलती है। इंदिरा एकादशी के दिन पितरों का तर्पण और पिंडदान भी किया जाता है। आइए, इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi 2025 Date) की सही डेट, शुभ मुहूर्त और योग जानते हैं-

    इंदिरा एकादशी शुभ मुहूर्त (Indira Ekadashi Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 17 सितंबर को देर रात 12 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगी और 17 सितंबर को देर रात 11 बजकर 39 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। आसान शब्दों में कहें तो सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। इसके लिए 17 सितंबर को इंदिरा एकादशी मनाई जाएगी।  

    इंदिरा एकादशी शुभ योग (Indira Ekadashi Shubh Yog)

    आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर शिव और परिघ योग समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। परिघ योग देर रात तक है। इसके बाद शिव योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही शिववास योग का भी निर्माण होगा। इस शुभ अवसर पर देवों के देव महादेव कैलाश पर विराजमान रहेंगे।  

    इंदिरा एकादशी पारण (Indira Ekadashi Paran Timing)

    सामान्य जन 18 सितंबर को सुबह 06 बजकर 07 मिनट से लेकर 08 बजकर 34 मिनट तक पारण कर सकते हैं। इस दौरान साधक स्नान-ध्यान कर रोजाना की तरह लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करें। इसके बाद अन्न और धन का दान कर  व्रत खोलें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।