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    Ekadashi Vrat Kab Hai 2025: अगस्त महीने में कब-कब है एकादशी? नोट करें व्रत का दिन और शुभ मुहूर्त

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Tue, 22 Jul 2025 09:08 PM (IST)

    पुत्रदा एकादशी का सनातन धर्म में खास महत्व है। यह पर्व हर साल सावन महीने में मनाया जाता है। इस दिन लक्ष्मी नारायण जी की पूजा की जाती है। साथ ही पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाता है। इसके साथ ही अगस्त महीने में अजा एकादशी भी मनाई जाएगी। यह पर्व भाद्रपद महीने में मनाई जाती है।

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    Ekadashi Vrat Kab Hai 2025: पुत्रदा एकादशी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पितहै। इस दिन साधक भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की भक्ति भाव से पूजा करते हैं। साथ ही उनके निमित्त एकादशी का व्रत रखते हैं। इस शुभ अवसर पर विष्णु मंदिरों में लक्ष्मी नारायण जी की विशेष पूजा की जाती है। 

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    धार्मिक मत है कि एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा, साधक के सुख और सौभाग्य में समय के साथ बढ़ोतरी होती है। इसके लिए साधक श्रद्धा भाव से एकादशी के दिन लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करते हैं। आइए, अगस्त महीने में पड़ने वाली एकादशी की सही डेट, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

    पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi 2025)

    सावन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन पुत्रदा एकादशी मनाई जाती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, 04 अगस्त को सुबह 11 बजकर 41 मिनट पर सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि शुरू होगी। वहीं, 05 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 12 मिनट पर सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का समापन होगा। वैदिक जानकारों की माने तो 05 अगस्त को सावन पुत्रदा एकादशी मनाई जाएगी। इस तिथि पर साधक व्रत रख विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा कर सकते हैं।

    पुत्रदा एकादशी शुभ योग (Putrada Ekadashi Shubh Yoga)

    ज्योतिषियों की मानें तो पुत्रदा एकादशी तिथि पर रवि और भद्रावास योग का संयोग बन रहा है। रवि योग में लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से आरोग्य जीवन का वरदान मिलेगा। साथ ही सुख और सौभाग्य में अपार वृद्धि होगी।

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    अजा एकादशी (Aja Ekadashi 2025)

    भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन अजा एकादशी मनाई जाती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, 18 अगस्त को शाम 05 बजकर 22 मिनट पर भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि शुरू होगी। वहीं, 19 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 32 मिनट पर एकादशी तिथि का समापन होगा। इस प्रकार 19 अगस्त को अजा एकादशी मनाई जाएगी।

    महत्व

    पुत्रदा एकादशी व्रत करने से निसंतान दंपति को पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं। इस व्रत को करने से साधक पर लक्ष्मी नारायण जी की कृपा बरसती है। साधक श्रद्धा भाव से एकादशी के दिन लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करते हैं।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।