Putrada Ekadashi 2025: कई मंगलकारी योग में मनाई जाएगी पुत्रदा एकादशी, संतान सुख का मिलेगा वरदान
सावन पुत्रदा एकादशी (Sawan Putrada Ekadashi 2025) व्रत की महिमा का वर्णन शास्त्रों में निहित है। इस व्रत को करने से साधक पर लक्ष्मी नारायण जी की कृपा बरसती है। साथ ही जीवन में व्याप्त दुखों का नाश होता है। इस शुभ अवसर पर दान करने का भी विधान है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, 05 अगस्त को सावन पुत्रदा एकादशी मनाई जाएगी। यह पर्व हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। इसके लिए एकादशी तिथि पर न केवल लक्ष्मी नारायण जी की, बल्कि भगवान शिव की भी भक्ति भाव से पूजा की जाती है।
धार्मिक मत है कि सावन पुत्रदा एकादशी व्रत करने से साधक के सुख-सौभाग्य और वंश में वृद्धि होती है। इस व्रत को करने से पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में भी वृद्धि होती है।
ज्योतिषियों की मानें तो सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर कई शुभ और मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। आइए, सावन पुत्रदा एकादशी की सही डेट, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-
यह भी पढ़ें- Sawan 2025 festival list: कब है पुत्रदा एकादशी और रक्षाबंधन? पढ़ें सावन माह के व्रत-त्योहार
पुत्रदा एकादशी शुभ मुहूर्त (Putrada Ekadashi Shubh Muhurat)
सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 04 अगस्त को सुबह 11 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 05 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 12 मिनट पर एकादशी तिथि का समापन होगा। वहीं, पुत्रदा एकादशी का पारण 06 अगस्त को सुबह 05 बजकर 45 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 26 मिनट तक किया जाएगा। साधक सुविधा अनुसार समय पर स्नान-ध्यान के बाद लक्ष्मी नारायण जी की पूजा कर व्रत खोलें।
पुत्रदा एकादशी शुभ योग (Putrada Ekadashi Shubh Yoga)
ज्योतिषियों की मानें तो सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर इंद्र योग का संयोग बन रहा है। इंद्र योग का संयोग सुबह 07 बजकर 23 मिनट तक है। साथ ही भद्रावास योग का भी संयोग है। भद्रावास योग सुबह 11 बजकर 23 मिनट तक है। इस दौरान भद्रा पाताल में रहेंगी। इसके अलावा, सुबह 11 बजकर 23 मिनट तक रवि योग का भी निर्माण हो रहा है।
शिववास योग
पुत्रदा एकादशी के दिन शिववास योग का भी संयोग बन रहा है। शिववास दोपहर 01 बजकर 12 मिनट से शिववास योग का निर्माण होगा। इस समय देवों के देव महादेव कैलाश पर मां पार्वती के साथ रहेंगे। कहते हैं कि भगवान शिव के कैलाश पर रहने के दौरान महादेव का अभिषेक करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 17 मिनट पर
- चन्द्रोदय- दोपहर 03 बजकर 01 मिनट पर
- चन्द्रास्त- देर रात 02 बजकर 27 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 02 मिनट से 04 बजकर 42 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 39 मिनट से 03 बजकर 35 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 16 मिनट से 07 बजकर 36 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त - रात 12 बजे से 12 बजकर 40 मिनट तक
यह भी पढ़ें- Sawan 2025 festival list: कब है पुत्रदा एकादशी और रक्षाबंधन? पढ़ें सावन माह के व्रत-त्योहार
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।