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    Devshayani Ekadashi 2024: देवशयनी एकादशी व्रत का पारण न करने से पूजा रहेगी अधूरी, जानें समय और विधि

    Updated: Wed, 17 Jul 2024 09:58 AM (IST)

    सनातन शास्त्रों के अनुसार आषाढ़ में माह पड़ने वाली देवशयनी एकादशी व्रत (Devshayani Ekadashi 2024 Vrat Paran Vidhi) विधिपूर्वक करने से जातक को जाने-अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है। व्रत का पारण अगले दिन यानी द्वादशी में किया जाता है। मान्यता है कि जो जातक एकादशी व्रत का पारण नहीं करता है। वह शुभ फल की प्राप्ति से वंचित रहता है।

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    Devshayani Ekadashi 2024: देवशयनी एकादशी व्रत का जरूर करें पारण

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Devshayani Ekadashi 2024: सनातन धर्म में देवशयनी एकादशी विशेष महत्व रखती है। यह तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित है। इस खास अवसर पर सुबह स्नान करने के बाद श्री हरि और मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। पंचांग के अनुसार, देवशयनी एकादशी व्रत आज यानी 17 जुलाई को किया जा रहा है। ऐसे में आइए जानते हैं देवशयनी एकादशी व्रत पारण का समय और विधि के बारे में।

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    देवशयनी एकादशी 2024 शुभ मुहूर्त (Devshayani Ekadashi 2024 Shubh Muhurat)

    पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 16 जुलाई 2024 को रात्रि 08 बजकर 33 मिनट पर शुरू हो गई है। वहीं, इसका समापन 17 जुलाई को रात 09 बजकर 02 मिनट पर होगा। ऐसे में आज यानी 17 जुलाई 2024, बुधवार को देवशयनी एकादशी मनाई जा रही है।

    देवशयनी एकादशी व्रत पारण का समय (Devshayani Ekadashi Vrat Paran 2024)

    देवशयनी एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि में किया जाता है। व्रत का पारण 18 जुलाई को सुबह 05 बजकर 35 मिनट से लेकर 08 बजकर 20 मिनट के बीच में कर सकते हैं।

    देवशयनी एकादशी व्रत पारण (Devshayani Ekadashi Vrat Paran Vidhi)

    द्वादशी तिथि में सुबह स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें। सूर्य देव को जल अर्पित करें। दीपक जलाकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आरती करें। साथ ही मंत्रों का जप करें। प्रभु को फल और मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाएं। इसके बाद श्रद्धा अनुसार गरीबों में अन्न, वस्त्र और धन का दान करें। मान्यता है कि द्वादशी तिथि पर दान करने से व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है। इसके बाद आप खुद भी प्रसाद ग्रहण करें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।