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    Apara Ekadashi 2025 Katha: अपरा एकादशी के दिन करें इस कथा का पाठ, सभी पापों से मिलेगा छुटकारा

    Updated: Fri, 23 May 2025 07:51 AM (IST)

    सनातन धर्म में एकादशी तिथि को महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। वैदिक पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष में अपरा एकादशी मनाई जाती है। इस दिन व्रत में कथा का पाठ जरूर करना चाहिए। आइए पढ़ते हैं अपरा एकादशी की कथा।

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    Apara Ekadashi Katha: इस कथा के पाठ के बिना अधूरी है अपरा एकादशी की पूजा

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, आज यानी 23 मई (Apara Ekadashi 2025 Date) को अपरा एकादशी का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन विधिपूर्वक व्रत किया जाता है। साथ ही भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक को जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है और श्रीहरि की कृपा से जीवन खुशियों से भरा रहता है। अपरा एकादशी के दिन दान जरूर करना चाहिए। मान्यता के अनुसार, दान करने से धन लाभ के योग बनते हैं और शुभ परिणाम मिलते हैं। अपरा एकादशी की पूजा के समय व्रत का पाठ भी जरूर करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि कथा का पाठ करने से पूजा सफल होती है और पापों से छुटकारा मिलता है। आइए पढ़ते हैं आपरा एकादशी (Apara Ekadashi Katha) की व्रत कथा।

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    अपरा एकादशी व्रत कथा (Apara Ekadashi Katha in Hindi)

    पौराणिक कथा के अनुसार, महीध्वज नाम का एक राजा था। उसका एक छोटा भाई बेहद क्रूर और अधर्मी था। छोटा भाई बड़े भाई को मारना चाहता था। ऐसे में उसने भाई को मारने के लिए फैसला लिया। उसने रात के समय महीध्वज की हत्या कर शव को पीपल के नीचे गाड़ दिया। अकाल मृत्यु होने के कारण महीध्वज पीपल के पेड़ पर रहने लगा और वहीं पर महीध्वज उत्पात मचाने लगा।

    एक बार ऐसा समय कि जब उस पेड़ के पास से धौम्य ऋषि जा रहे थे। उस दौरान उन्होंने उस आत्मा को देखा। इसके बाद उसे ऋषि ने परलोक उपदेश दिया। इसके बाद ॠषि ने स्वयं प्रेत योनि से मुक्ति के लिए ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी का व्रत किया। ॠषि के द्वारा व्रत करने से उस आत्मा को प्रेत योनि से मुक्ति मिल गई, जिसके बाद उनसे ॠषि का धन्यवाद किया और स्वर्ग को चला गया।

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    अपरा एकादशी 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Apara Ekadashi 2025 Date and Shubh Muhurat)

    ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत-23 मई को देर रात 01 बजकर 12 मिनट पर

    ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का समापन- 23 मई को रात 10 बजकर 29 मिनट पर

    ऐसे में आज यानी 23 मई अपरा एकादशी व्रत किया जा रहा है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।