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    Apara Ekadashi 2025: अपरा एकादशी कब है? एक क्लिक में नोट करें सही डेट एवं शुभ मुहूर्त

    भगवान विष्णु की महिमा निराली है। भगवान विष्णु अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं। उनकी कृपा से भक्तजनों के सभी दुख दूर हो जाते हैं। उनकी कृपा से धन संबंधी परेशानी दूर हो जाती है। साथ ही जीवन में सुखों का आगमन होता है। एकादशी तिथि (Apara Ekadashi 2025 Date) पर पूजा-पाठ के बाद दान करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 08 Apr 2025 09:00 PM (IST)
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    Apara Ekadashi 2025: अपरा एकादशी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। अपरा एकादशी का सनातन धर्म में खास महत्व है। यह पर्व हर साल ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन साधक जगत के पालनहार भगवान विष्णु और देवी मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं। साथ ही लक्ष्मी नारायण जी के निमित्त एकादशी का व्रत रखते हैं।  

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    सनातन शास्त्रों में निहित है कि अपरा एकादशी व्रत करने से साधक द्वारा जन्म-जन्मांतर में किए सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही साधक पर लक्ष्मी नारायण जी की कृपा बरसती है। आइए, अपरा एकादशी (Apara Ekadashi 2025 Date) के बारे में सबकुछ जानते हैं-

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    अपरा एकादशी शुभ मुहूर्त (Apara Ekadashi Shubh Muhurat)

    ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी की तिथि 23 मई को देर रात 01 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 23 को रात 10 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि से गणना की जाती है। इसके लिए 23 मई के दिन अपरा एकादशी मनाई जाएगी।

    अपरा एकादशी पारण (Apara Ekadashi Paran Timing)

    साधक 24 मई को पारण कर सकते हैं। 24 मई को पारण सुबह 05 बजकर 26 मिनट से लेकर शाम 08 बजकर 11 मिनट के मध्य पारण कर सकते हैं। इस दौरान साधक स्नान-ध्यान कर लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करें। वहीं, पूजा के बाद अन्न और धन का दान कर व्रत खोलें।

    अपरा एकादशी शुभ योग (Apara Ekadashi Shubh Muhurat)

    ज्योतिषियों की मानें तो ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी की तिथि पर प्रीति और आयुष्मान का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का संयोग बनेगा। इन योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी। 

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 26 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 10 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 04 मिनट से 04 बजकर 45 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 35 मिनट से 03 बजकर 30 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 08 मिनट से 07 बजकर 29 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त- रात 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।