Chandra Mantra: सोमवार के दिन जरूर करें चंद्र देव के नामों का जप, पूरी होगी मनचाही मुराद
सावन का महीना देवों के देव महादेव (Shiv Puja Vidhi) को समर्पित होता है। इस महीने में भगवान शिव और मां पार्वती की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही सावन सोमवार का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को रखने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। भगवान शिव की महिमा अपरम्पार है। अपने भक्तों के सभी दुख हर लेते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सोमवार का दिन देवों के देव महादेव को बेहद प्रिय है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही मनचाहा वरदान पाने के लिए सोमवार का व्रत रखा जाता है। सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है।
ज्योतिषियों की मानें तो देवों के देव महादेव की पूजा करने से मन के कारक चंद्र देव प्रसन्न होते हैं। चंद्र देव के प्रसन्न होने से जातक को सभी प्रकार के शुभ कामों में सफलता मिलती है। साथ ही मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है। अगर आप भी चंद्र देव की कृपा पाना चाहते हैं, तो सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करें। वहीं, पूजा के समय चंद्र देव के नामों का जप करें।
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देव के 108 नाम
1. ॐ केतवे नमः।
2. ॐ स्थूलशिरसे नमः।
3. ॐ शिरोमात्राय नमः।
4. ॐ ध्वजाकृतये नमः।
5. ॐ नवग्रहयुताय नमः।
6. ॐ सिंहिकासुरीगर्भसंभवाय नमः।
7. ॐ महाभीतिहराय नमः।
8. ॐ चित्रवर्णाय नमः।
9. ॐ पिंगळाक्षाय नमः।
10. ॐ फलधूम्रसंकाशाय नमः।
11. ॐ तीक्ष्णदंष्ट्राय नमः।
12. ॐ महोरगाय नमः।
13. ॐ रक्तनेत्राय नमः।
14. ॐ चित्रकारिणे नमः।
15. ॐ तीव्रकोपाय नमः।
16. ॐ महाशूराय नमः।
17. ॐ पापकंटकाय नमः।
18. ॐ क्रोधनिधये नमः।
19. ॐ छायाग्रहविशेषकाय नमः।
20. ॐ अंत्यग्रहाय नमः।
21. ॐ महाशीर्षाय नमः।
22. ॐ सूर्यारये नमः।
23. ॐ पुष्पवद्गृहिणे नमः।
24. ॐ वरदहस्ताय नमः।
25. ॐ गदापाणये नमः।
26. ॐ चित्रशुभ्रधराय नमः।
27. ॐ चित्रध्वजपताकाय नमः।
28. ॐ घोराय नमः।
29. ॐ चित्ररथाय नमः।
30. ॐ शिखिने नमः।
31. ॐ कुळत्थभक्षकाय नमः।
32. ॐ वैढूर्याभरणाय नमः।
33. ॐ उत्पातजनकाय नमः।
34. ॐ शुक्रमित्राय नमः।
35. ॐ मंदारखाय नमः।
36. ॐ शिखिनेंधपकाय नमः।
37. ॐ अंतर्वेदिने नमः
38. ॐ ईश्वराय नमः।
39. ॐ जैमिनिगोत्रजाय नमः।
40. ॐ चित्रगुप्तात्मने नमः।
41. ॐ दक्षिणाभिमुखाय नमः।
42. ॐ मुकुंदवरप्रदाय नमः।
43. ॐ महासुरकुलोद्भवाय नमः।
44. ॐ घनवर्णाय नमः।
45. ॐ लघुदेहाय नमः।
46. ॐ मृत्युपुत्राय नमः।
47. ॐ उत्पातरूपधारिणे नमः।
48. ॐ अदृश्याय नमः।
49. ॐ कालाग्निसन्निभाय नमः।
50. ॐ नृपीठाय नमः।
51. ॐ ग्रहकारिणे नमः।
52. ॐ सर्वोपद्रवकारकाय नमः।
53. ॐ चित्रप्रसूताय नमः।
54. ॐ अनलाय नमः।
55. ॐ सर्वव्याधिविनाशकाय नमः।
56. ॐ अपसव्यप्रचारिणे नमः।
57. ॐ नवमेपापदायकाय नमः।
58. ॐ पंचमेशोकदाय नमः।
59. ॐ उपरागगोचराय नमः
60. ॐ पुरुषकर्मणे नमः।
61. ॐ तुरीयेस्थेसुखप्रदाय नमः।
62. ॐ तृतीयेवैरदाय नमः।
63. ॐ पापग्रहाय नमः।
64. ॐ स्फोटकारकाय नमः।
65. ॐ प्राणनाथाय नमः।
66. ॐ पंचमेश्रमकारकाय नमः।
67. ॐ द्वितीयेस्फुटवाग्धत्रे नमः।
68. ॐ विषाकुलितवक्त्राय नमः।
69. ॐ कामरूपिणे नमः।
70. ॐ सिंहदंताय नमः।
71. ॐ सत्योपनृतवते नमः।
72. ॐ चतुर्थेवमातृनाशाय नमः।
73. ॐ नवमेपितृनाशाय नमः।
74. ॐ अंतेवैरप्रदाय नमः।
75. ॐ सुतानंदनबंधकाय नमः।
76. ॐ सर्पाक्षिजाताय नमः।
77. ॐ अनंगाय नमः।
78. ॐ कर्मराश्शुद्भवाय नमः।
79. ॐ अपांतेकीर्तिदाय नमः।
80. ॐ सप्तमेकलहप्रदाय नमः।
81. ॐ अष्टमेव्याधिकर्त्रे नमः।
82. ॐ धनेबहुसुखप्रदाय नमः।
83. ॐ जननेरोगदाय नमः।
84. ॐ ऊर्ध्वमूर्धजाय नमः।
85. ॐ ग्रहनायकाय नमः।
86. ॐ पापदृष्टये नमः।
87. ॐ खेचराय नमः।
88. ॐ शांभवाय नमः।
89. ॐ आशेषपूजिताय नमः।
90. ॐ शाश्वताय नमः।
91. ॐ वटाय नमः।
92. ॐ शुभाशुभफलप्रदाय नमः।
93. ॐ धूम्राय नमः।
94. ॐ सुधापायिने नमः।
95. ॐ निशाकराय नमः।
96. ॐ भक्तवत्सलाय नमः।
97. ॐ सिंहासनाय नमः।
98. ॐ केतुमूर्तये नमः।
99. ॐ रवींदुद्युतिनाशकाय नमः।
100. ॐ अमराय नमः।
101. ॐ पीठकाय नमः।
102. ॐ विष्णुदृष्टाय नमः।
103. ॐ अमरॆश्वराय नमः।
104. ॐ भक्तरक्षकाय नमः।
105. ॐ वैचित्र्यकपोलस्यंदनाय नमः।
106. ॐ विचित्रफलदायिने नमः।
107. ॐ भक्ताभीष्टफलदाय नमः।
108. ॐ केतवे नमः।
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