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    Amalaki Ekadashi 2025: इन शुभ योग में मनाई जाएगी आमलकी एकादशी, बरसेगी श्रीहरि की कृपा

    आमलकी एकादशी का व्रत शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है। वहीं फाल्गुन पूर्णिमा पर होली मनाई जाती है। इससे एक दिन पहले होलिका दहन मनाया जाता है। एकादशी के दिन साधक व्रत रख भगवान विष्णु (Amalaki Ekadashi 2025 Shobhan Yoga) और मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं। साथ ही उनके निमित्त एकादशी का व्रत रखते हैं। भगवान विष्णु के शरणागत रहने वाले साधकों पर मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sun, 09 Mar 2025 01:36 PM (IST)
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    Amalaki Ekadashi 2025: भगवान विष्णु को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल फाल्गुन महीने में आमलकी एकादशी मनाई जाती है। यह पर्व हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन मनाया जाता है। इस साल सोमवार 10 मार्च को आमलकी एकादशी है। इस शुभ अवसर पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। एकादशी तिथि पर लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है।

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    ज्योतिषियों की मानें तो आमलकी एकादशी पर कई मंगलकारी योग (Amalaki Ekadashi Shobhan Yog benefits) बन रहे हैं। इन योग में लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से मनचाहा वरदान मिलेगा। अगर आप भी भगवान विष्णु की कृपा पाना चाहते हैं, तो एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु की भक्ति भाव से पूजा करें। आइए, योग और शुभ मुहूर्त के बारे में जानते हैं-

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    शोभन योग

    फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर शोभन योग का संयोग (Amalaki Ekadashi Shobhan Yog Rituals) दोपहर 01 बजकर 57 मिनट तक है। इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक पर मां लक्ष्मी की कृपा बरसेगी। उनकी कृपा से धन की समस्या दूर होगी। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं। ज्योतिष शोभन योग को शुभ मानते हैं। इस योग में शुभ काम करने से सफलता मिलती है।   

    शिववास योग

    आमलकी एकादशी पर शिववास योग का भी संयोग बन रहा है। इस योग का संयोग सुबह 07 बजकर 44 मिनट हो रहा है। इस दौरान देवों के देव महादेव कैलाश पर जगत की देवी मां पार्वती के साथ रहेंगे। शिववास योग में लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी।

    नक्षत्र एवं करण

    फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर पुष्य नक्षत्र का संयोग है। साथ ही बव एवं बालव करण का निर्माण हो रहा है। इन योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को स्वर्ग समान सुखों की प्राप्ति होगी। साथ ही जीवन में व्याप्त अंधकार दूर हो जाएगा। भगवान विष्णु के शरणागत रहने वाले साधकों को हमेशा शुभ फल की प्राप्ति होती है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।