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    Amalaki Ekadashi 2025: आमलकी एकादशी पर तुलसी से जुड़ी ये गलतियां पड़ सकती हैं भारी, जरूर रखें ध्यान

    एकादशी तिथि मुख्य रूप से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित होती है। साथ ही एकादशी पर तुलसी पूजा का भी विशेष महत्व माना गया है। लेकिन आपको ये लाभ तभी मिल सकते हैं जब आप एकादशी के दिन तुलसी से संबंधित कुछ जरूरी नियमों का ध्यान रखें। ऐसे में चलिए जानते हैं एकादशी पर तुलसी से संबंधित कुछ नियम।

    By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Sat, 08 Mar 2025 11:00 PM (IST)
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    Amalaki Ekadashi 2025 आमलकी एकादशी न करें ये गलतियां।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi 2025) के नाम से जाना जाता है। इस बार यह एकादशी सोमवार, 10 मार्च को मनाई जा रही है। इस दिन मुख्य रूप से आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है। साथ ही इस दिन तुलसी पूजा से भी साधक को विष्णु की कृपा की प्राप्ति हो सकती है। 

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    हिंदू धर्म में तुलसी को पूजनीय और पवित्र माना गया है। विष्णु जी की भी प्रिय होने के साथ-साथ तुलसी में धन की देवी लक्ष्मी का भी वास माना जाता है। ऐसे में अगर आप एकादशी तिथि पर तुलसी से संबंधित कुछ नियमों को अनदेखा करते हैं, तो इससे मां लक्ष्मी रुष्ट हो सकती हैं।

    तभी मिलेगी विष्णु जी की कृपा

    एकादशी तिथि पर विष्णु जी को भोग में तुलसी दल डालकर अर्पित करना चाहिए, क्योंकि तुलसी के बिना विष्णु जी का भोग अधूरा माना जाता है। इसलिए आप एकादशी से पहले ही तुलसी के पत्ते उतारकर रख लें। इसी के साथ शाम के समय तुलसी के पास घी का दीपक भी जरूर जलाएं। 

    भूलकर से भी न करें ये काम

    धार्मिक मान्यता है कि एकादशी पर तुलसी माता, भगवान विष्णु के निमित्त निर्जला व्रत रखती हैं। ऐसे में इस दिन अगर आप तुलसी में जल अर्पित करते हैं, तो इससे उनका व्रत खंडित हो सकता है, इसलिए एकादशी के दिन तुसली में जल चढ़ाना वर्जित होता है। साथ ही इस दिन तुलसी के पत्ते भी न तोड़ें।

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    नाराज हो सकती हैं धन की देवी

    प्रतिदिन खासकर एकादशी के दिन तुलसी के आसपास साफ-सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखें। साथ ही तुलसी के आस-पास जूते-चप्पल, झाड़ू या फिर कूड़ेदान आदि भी नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को मां लक्ष्मी की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है।

    बढ़ सकती है नकारात्मकता

    एकादशी तिथि पर इस बात का खासतौर से ध्यान रखें कि तुलसी को गंदे या फिर जूठे हाथों से न छूएं, वरना इससे आपको अच्छे परिणाम नहीं मिलते। एकादशी पर स्नान करने के बाद ही तुलसी को स्पर्श करना चाहिए। ऐसा करने से नकारात्मकता बढ़ सकती है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।