Aja Ekadashi 2025 Date: कब किया जाएगा अजा एकादशी का व्रत, अभी नोट करें डेट और पूजा समय
हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर व्रत किया जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह में अजा एकादशी (Aja Ekadashi 2025) मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है और विधिपूर्वक व्रत भी किया जाता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए एकादशी तिथि को शुभ माना जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा एकादशी के नाम से जाना है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक, अजा एकादशी (Aja Ekadashi 2025) व्रत करने से साधक सभी समस्त पापों से मुक्त हो जाता है और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। ऐसे में आइए जानते हैं अजा एकादशी व्रत की डेट और शुभ मुहूर्त के बारे में।
अजा एकादशी 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Aja Ekadashi 2025 Date and Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 18 अगस्त को शाम 05 बजकर 22 मिनट से होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 19 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 32 मिनट पर होगा। ऐसे में 19 अगस्त को अजा एकादशी व्रत किया जाएगा।
अजा एकादशी 2025 व्रत पारण टाइम (Aja Ekadashi 2025 Vrat Paran Time)
एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि पर किया जाता है। ऐसे में 20 अगस्त को अजा एकादशी व्रत का पारण किया जाएगा। व्रत का पारण करने का समय सुबह 05 बजकर 53 मिनट से 08 बजकर 29 मिनट तक है। इस दौरान किसी भी समय व्रत का पारण कर सकते हैं।
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पंचांग
सूर्योदय: सुबह 05 बजकर 22 मिनट पर
सूर्यास्त: शाम 05 बजकर 57 मिनट पर
चंद्रोदय: रात 02 बजकर 29 मिनट पर
चन्द्रास्त: 20 अगस्त को दोपहर 04 बजकर 18 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04 बजकर 25 मिनट से 05 बजकर 09 मिनट तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 02 बजकर 35 मिनट से 03 बजकर 27 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त: दोपहर 03 बजकर 22 मिनट से 05 बजकर 04 मिनट तक
निशिता मुहूर्त: रात 12 बजकर 03 मिनट से 12 बजकर 47 मिनट तक
इन चीजों का करें दान
सनातन धर्म में एकादशी के दिन दान करने का विशेष महत्व है। इसलिए अजा एकादशी के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने के बाद मंदिर या गरीब लोगों में अन्न, धन और कपड़े समेत आदि चीजों का दान करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इन चीजों का दान करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है और धन लाभ के योग बनते हैं।
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