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    Dev Uthani Ekadashi 2025 Date: कब किया जाएगा देवउठनी एकादशी का व्रत? अभी नोट करें शुभ मुहूर्त

    Updated: Mon, 30 Jun 2025 01:42 PM (IST)

    देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi 2025 Date) को जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए शुभ मानी जाती है। इस दिन भक्त व्रत और श्रीहरि की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं जिससे सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। जीवन में खुशियों का आगमन होता है।

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    Dev Uthani Ekadashi 2025: देवउठनी एकादशी से जुड़े नियम (Pic Credit- Freepik)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर देवउठनी एकादशी व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही विशेष चीजों का दान करना चाहिए। इससे साधक को जीवन में शुभ फल की प्राप्ति होती है और धन लाभ के योग बनते हैं।

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    धार्मिक मान्यता के अनुसार, देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi 2025) पर भगवान विष्णु योग निद्रा से जागृत होते हैं। इसी वजह से इस एकादशी को देवउठनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस एकादशी के अगले दिन तुलसी विवाह मनाया जाता है और इसी दिन से शुभ और एवं मांगलिक कामों को शुरुआत होती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि देवउठनी एकादशी की डेट, शुभ मुहूर्त और व्रत के पारण समय के बारे में।

    यह भी पढ़ें: Ekadashi Date List 2025: साल 2025 में कब-कब है एकादशी? नोट करें सही डेट एवं पूरी लिस्ट

    देवउठनी एकादशी 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Dev Uthani Ekadashi 2025 Date and Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, 01 नवंबर को सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि शुरू होगी और यह तिथि 02 नवंबर को सुबह 07 बजकर 31 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में देवउठनी एकादशी व्रत 01 नवंबर को किया जाएगा और 02 नवंबर को व्रत का पारण किया जाएगा।

    इस मुहूर्त में करें देवउठनी एकादशी व्रत का पारण

    एकादशी व्रत का पारण अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर ही करना चाहिए। 02 नवंबर को व्रत का पारण करने का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 34 मिनट से लेकर 08 बजकर 46 मिनट तक है। इस दौरान किसी भी समय व्रत का पारण किया जा सकता है।

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 50 मिनट से 05 बजकर 41 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 55 मिनट से 02 बजकर 39 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 36 मिनट से 06 बजकर 02 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक

    इन बातों का रखें ध्यान

    • एकादशी तिथि पर भूलकर भी चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस गलती को करने से व्यक्ति को पाप का सामना करना पड़ता है।
    • इसके अलावा किसी भी लड़ाई-झगड़ा न करें और किसी के बारे में गलत न सोचें।
    • घर और मंदिर की साफ-सफाई का खास ध्यान रखें।
    • एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते तोड़ने की मनाही है। ऐसा माना जाता है कि इस तिथि पर तुलसी के पत्ते तोड़ने से मां लक्ष्मी का व्रत टूट सकता है।

    यह भी पढ़ें: Devshayani Ekadashi 2025: कब है देवशयनी एकादशी? अभी नोट करें डेट और व्रत पारण का समय

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।