Jaya Ekadashi 2025 Date: 07 या 08 फरवरी, कब है जया एकादशी? नोट करें सही डेट एवं शुभ मुहूर्त
ज्योतिषियों की मानें तो माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि (Jaya Ekadashi 2025 Date) पर रवि योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ भद्रावास का भी संयोग बन रहा है। इन योग में लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से साधक को अमोघ एवं अक्षय फल की प्राप्ति होगी। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी दुखों का नाश होता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में एकादशी तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही जीवन में सुखों का आगमन होता है।
ज्योतिष भी जीवन में व्याप्त संकटों से निजात पाने के लिए एकादशी का व्रत रखने की सलाह देते हैं। इस शुभ अवसर पर साधक व्रत रख लक्ष्मी नारायण जी की पूजा रखते हैं। एकादशी के दिन मंदिरों में लक्ष्मी नारायण जी की विशेष पूजा की जाती है। माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी मनाई जाती है। हालांकि, माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को लेकर साधक दुविधा में हैं। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
कब मनाई जाती है जया एकादशी?
माघ महीने में षटतिला एकादशी और जया एकादशी मनाई जाती है। माघ माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन षटतिला एकादशी मनाई जाती है। वहीं, माघ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन जया एकादशी मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर लक्ष्मी नारायण जी की भक्ति भाव से पूजा की जाती है।
कब मनाई जाएगी जया एकादशी? (Jaya Ekadashi 2025 Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 07 फरवरी को रात 09 बजकर 26 मिनट पर होगी। वहीं, जया एकादशी का समापन 08 फरवरी को रात 08 बजकर 15 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। इसके लिए 08 फरवरी को जया एकादशी मनाई जाएगी। साधक 08 फरवरी के दिन व्रत रख सुविधानुसार समय पर लक्ष्मी नारायण जी की पूजा कर सकते हैं।
पंचांग
सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 06 मिनट पर
चन्द्रोदय- दोपहर 01 बजकर 50 मिनट पर
चंद्रास्त- सुबह 04 बजकर 44 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 21 मिनट से 06 बजकर 13 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 26 मिनट से 03 बजकर 10 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 04 मिनट से 06 बजकर 30 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 09 मिनट से 01 बजकर 01 मिनट तक
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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