कृष्ण जन्माष्टमी 2025 के दिन नंद-के-आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की गूंज के साथ समा कृष्णमयी और प्रेम भरा रहता है। हो भी क्यों ना, यह दिन भगवान विष्णु के सबसे प्यारे, भक्तों के राजदुलारे और नटखट रूप श्री कृष्ण का जन्मदिवस जो होता है। सबसे पहले तो, लड्डू गोपास को घरों और मंदिरों में गंगाजल, कच्चे दूध, घी, चीनी, दही और पंचामृत से स्नान कराया जाता है। साथ ही अंत में श्री कृष्ण को प्रिय तुलसी के पत्ते भी डाले जाते हैं। निलहाने के बाद बारी आती है श्रृंगार करने की, जिसके लिए यहां श्रृंगार सेट दिए गए हैं।
इस श्रृंगार किट में आपको केवल पोशाक ही नहीं बल्कि, माला, कुंडल, हाथ का कड़ा, बाजू बंध, मुकुट, मोर पंख, बांसुरी, कुंडल,आदि चीजें मिल सकती हैं। तो 2025 की कृष्ण जन्माष्टमी यानी 16 अगस्त के दिन लड्डू गोपाल के श्रृंगार में चार-चांद लगाने के लिए इन चीजों का उपयोग कर सकते हैं। ध्यान रखें, सभी श्रृंगार संबंधित सामान लड्डू गोपाल की मूर्ति के साइज के आधार पर लें। कान्हा जी की साज-सज्जा के बाद उन्हें सुंदर और सजे हुए झूलें पर विराजमान कर सकते हैं।