बांसवाड़ा में किशोरी से दुष्कर्म का मामला: पोक्सो कोर्ट ने आरोपी को दी 20 साल की सजा
राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम न्यायालय ने एक दुष्कर्म के मामले में आरोपी को 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी पर 14 वर्षीय किशोरी का अपहरण और बंधक बनाकर दुष्कर्म करने का आरोप था। न्यायालय ने विभिन्न धाराओं के तहत आरोपी को सजा सुनाई और आर्थिक दंड भी लगाया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में विशेष न्यायालय, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की पीठासीन अधिकारी तारा अग्रवाल ने किशोरी का अपहरण कर बंधक बनाने और दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी को 20 साल के कठोर कारावास और आर्थिक दंड से दंडित किया है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार जिले के भूंगड़ा थाना क्षेत्र के एक गांव के व्यक्ति ने 4 मई 2022 को थाने में पुलिस को रिपोर्ट दी। रिपोर्ट में बताया कि पांच दिन पहले उसकी पुत्री पड़ोसी के यहां शादी समारोह में गई थी। उसने सोने-चांदी के गहने भी पहन रखे थे।
क्या आरोप लगाया गया?
रिपोर्ट में आरोप लगाया कि जैथोरपाड़ा निवासी राजू, तोलिया, कांतिलाल, प्रकाश, काउड़ी, चम्पा और अन्य उसकी 14 बेटी का अपहरण कर कहीं ले गए और बंधक बनाकर रखा। उसने ग्रामीणों और पंचों को बुलाया। आरोपियों ने उसकी पुत्री को वापस लौटाने को आश्वस्त किया, लेकिन उसे आशंका है कि उसकी पुत्री का शारीरिक शोषण किया जा रहा होगा। उसने आरोपियों से पुत्री को छुड़वाने और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
रिपोर्ट पर पुलिस ने दर्ज किया मामला
रिपोर्ट पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान आरंभ किया। इस दौरान आरोपी राजेन्द्र उर्फ राजू पिता तोलिया को भारतीय दंड संहिता की धारा 363, 366, 344, 376 और पोक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार किया। अनुसंधान के बाद उसके खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत किया। विशिष्ट लोक अभियोजक हेमेन्द्र नाथ पुरोहित ने बताया कि सुनवाई के दौरान पेश साक्ष्य, गवाह आदि के आधार पर न्यायाधीश तारा अग्रवाल ने आरोपी राजेन्द्र उर्फ राजू पिता तोलिया को किशोरी से दुष्कर्म का दोषी माना।
अदालत ने सुनाई सजा
न्यायालय ने आरोपी राजेन्द्र को धारा 363 के तहत तीन साल का कठोर कारावास और 5 हजार रुपए अर्थदंड, धारा 366 के तहत 4 साल का कठोर कारावास और 10 हजार रुपए अर्थदंड, धारा 344 के तहत 2 साल का कठोर कारावास और 5 हजार रुपए अर्थदंड तथा पोक्सो एक्ट के तहत 20 साल के कठोर कारावास और 20 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई।
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