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    उदयपुर में रेलवे ट्रैक पर धमाका मामला: घटना के बाद पुल के नीचे खड़ा था एक वाहन, जो सुबह नहीं मिला

    एक किलोमीटर तक सुनाई दी धमाके की आवाज। दो युवक जिनकी वजह से टला बड़ा हादसा। एनआईए सहित प्रदेश की एजेंसियां कर रही है घटना की जांच। विस्फोट के लिए सुपर 90 श्रेणी का डिटोनेटर उपयोग में लिया। पुलिस क्षेत्र की दुकानों पर लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है।

    By Jagran NewsEdited By: PRITI JHAUpdated: Mon, 14 Nov 2022 11:37 AM (IST)
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    फोटो... संदीप और नारायण, जिनकी सजगता से बड़ा हादसा टला।

    उदयपुर, सुभाष शर्मा। उदयपुर-अहमदाबाद ब्रॉड गेज लाइन के बीच ओड़ा गांव के समीप पुल पर पटरियों को उड़ाने की साजिश की जांच में एनआईए, राजस्थान की एटीएस सहित पुलिस, रेलवे तथा प्रशासन की एजेंसी जुट चुकी हैं। ग्रामीणों के मुताबिक धमाके के बाद जब वह घर से बाहर निकले तो उन्होंने पुल के पास एक वाहन भी खड़ा देखा। माना जा रहा है कि पुल और पटरियों को उड़ाने की साजिश रचने वाले उसी वाहन से वहां आए। अब पुलिस ओड़ा गांव तथा क्षेत्र की दुकानों पर लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। शनिवार रात अज्ञात बदमाशों ने विस्फोटक के जरिए उदयपुर-अहमदाबाद ब्रॉड गेज लाइन के बीच ओड़ा गांव में बने पुल और पटरियों को उड़ाने का बड़ा षड़यंत्र रचा था।

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    घटनास्थल के सबसे नजदीक घर राजा मीणा का घर है। अस्सी वर्षीय राजा मीणा ने बताया कि रात लगभग दस बजे तथा वह सोने की तैयारी में थे, तभी तेज धमाका हुआ। धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि उसके घर में रखे बर्तन तक हिल गए थे। वह घर से बाहर निकला तो उसने पुल के नीचे एक गाड़ी खड़ी देखी, लेकिन सुबह वह वहां नहीं थी। घटनास्थल से रामा के घर की दूरी लगभग पांच सौ मीटर रही होगी। रामा ने बताया कि एकबारगी लगा कि शायद गाड़ी का टायर फटा होगा, लेकिन धमाके की गूंज इतनी तेज थी कि यकीन नहीं हो पा रहा था, लेकिन वह सो गया। सुबह उठा तो देखा तो पुल पर लोगों की भीड़ जमा थी। उसने रात को पुल के नीचे वाहन खड़े होने की जानकारी दी, जो संभवत: चौपहिया या भारी वाहन रहा होगा।

    संदीप और नारायण, जिनकी वजह से टला बड़ा हादसा

    विस्फोट कर बड़ा हादसा करने की कोशिश में जुटे बदमाशों की चाल सफल हो जाती, लेकिन ओड़ा गांव के संदीप तथा नारायण की वजह से हादसा टल गया। रात दस बजे उन्होंने भी धमाके की आवाज सुनी और सुबह उठते ही वह साढ़े छ बजे पुल पर पहुंच गए। उन्होंने ट्रैक के हालात देखे तो उस पर यकीन नहीं हुआ। नारायण को मौके पर खड़ा करने के बाद संदीप अपने घर की ओर भागा और लाल कपड़ा लेकर आया। उसने रेलवे लाइन के बीच लगी लोहे की बड़ी पत्ती को उंचा किया और उस पर लाल कपड़ा बांध दिया, ताकि गाड़ी आने पर उसका चालक खतरा भांप सके और गाड़ी रोक सके। उसके बाद संदीप ने पहले अपने परिचित वाहन चालक मुकेश और फूलशंकर डामोर को इसकी जानकारी दी, जिनके जरिए पुलिस और रेलवे को घटना का पता चला। संदीप ने बताया कि वह अपने मित्र नारायण के साथ पुल के नीचे पहुंचा। तब उन्हें लगा कि किसी ने पुल के नजदीक विस्फोट किया होगा। जब नीचे कुछ नहीं दिखाई दिया तो वह पुल पर पहुंचे थे।

    कान फाड़ने वाला धमाका

    नारायण मीणा ने बताया कि वह घटना के समय अपने घर पर था। उसका घर घटनास्थल से लगभग आठ सौ मीटर दूर होगा। धमाका इतनी तेज था कि लगा कि उसके कान के पर्दे फटने वाले हैं। अंधेरे की वजह से यह पता नहीं लगा कि धमाका कहां हुआ। आसपास बात की तो लोग बोले किसी बड़े वाहन का टायर फटा होगा। पास ही माइंस में भी ब्लास्ट होते रहते हैं। सुबह देखने की सोचकर वह सो गया। सबह संदीप ने उसे जगाया और उसे पुल पर लेकर पहुंचा। पुल पर जो देखा, वह चौंकाने वाला था। किसी ने रेलवे लाइन को उड़ाने की कोशिश की थी।

    समय पर सूचना नहीं मिलती तो हो सकता था बड़ा हादसा

    ग्रामीणों की सजगता से अगर समय पर सूचना नहीं मिली होती तो यहां बड़ा हादसा हो सकता था। दोपहर 12 बजे यहां से अहमदाबाद से उदयपुर आने वाली यात्री गाड़ी गुजरने वाली थी। इसमें हजारों यात्री सवार थे। धमाके की घटना से लगभग चार घंटे पहले भी यहां से ट्रेन गुजरी थी। उदयपुर पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा ने कहा कि जांच से यह प्रतीत होता है कि पूरी तरह प्लानिंग कर ब्लास्ट किया गया है। मौके से डेटोनेटर भी मिला है, जो सुपर 90 श्रेणी का है। बम स्क्वॉड और फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल पहुंचकर सबूत जुटाए हैं।

    एनआईए सहित कई एजेंसी कर रही जांच

    राष्ट्रीय जांच एजेंसी-एनआईए, एफएसएल, एटीएस, ईआरटी, सीआईडी सहित कई एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं। इन एजेंसियों के अधिकारी-कर्मचारी मौके पर रविवार सुबह से देर रात तक जुटी रहे। एफएसएल की टीम ने रेलवे लाइन पर लगे बारूद और नट-बोल्ट सहित अन्य सामग्री के सबूत जुटाए। एटीएस के एडिशनल एसपी अनंत कुमार भी टीम के साथ यहां मामले की जांच कर रहे हैं। इमरजेंसी रिस्पॉन्स टास्क की एक बटालियन भी मौके पर तैनात की गई है। इसके अलावा सीआईडी व पुलिस जांच में जुटी हुई है।

    ट्रैक किया दुरुस्त, आज चलेंगी ट्रेन

    उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे लाइन पर ब्लास्ट करके क्षतिग्रस्त की गई ओढ़ा पुल की लाइन को सोमवार अलसुबह पूरी तरह से दुरुस्त कर दिया। अपर मंडल रेल प्रबंधक बलदेवराम की मौजूदगी में इंजीनियर्स और कर्मचारियों की टीम रात भर इस काम में जुटी रही। उन्होंने बताया कि रविवार रात 3:40 बजे ट्रैक की मरम्मत का काम पूरा हो गया और सुबह चार बजे पुल पर इंजन चलाकर ट्रायल कर ली गई। जिसके बाद उत्तर पश्चिम रेलवे मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशिकरण ने बताया कि सोमवार से इस ट्रैक पर ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा।

    तेरह दिन पहले ही प्रधानमंत्री मोदी ने उद्घाटित किया था ट्रैक

    उदयपुर-अहमदाबाद ब्रॉड गेज रेलवे लाइन को विस्फोटक के जरिए उड़ाने की खतरनाक साजिश रची गई, उसे तेरह दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटित किया था। जिसके बाद इस ट्रैक पर अहमदाबाद से उदयपुर के बीच दो ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ था। इसके अलावा कोटा से अहमदाबाद और जयपुर से अहमदाबाद के लिए चार नई ट्रेनों के संचालन की घोषणा की जा चुकी है।

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