UDAYPUR NEWS: 10 साल से एयरपोर्ट की सुरक्षा में तैनात स्निफर डॉग्स को सैन्य ऑफिसर की तरह दी गई सेवानिवृत्ति
एयरपोर्ट पर तैनात अधिकारियों ने बताया कि ब्लैकी सुपरबॉय और बुश नाम के ये डॉग्स 24 घंटे ड्यूटी पर मुस्तैद रहते थे। साल 2012 में इन्हें करीब 7 महीने की उम्र में यहां लाया गया था। एयरपोर्ट पर तैनात किए जाने से पहले इनकी 6 महीने की ट्रेनिंग हुई थी।
उदयपुर, राज्य ब्यूरो। उदयपुर के महाराणा प्रताप एयरपोर्ट पर एक खास नजारा देखने को मिला। एयरपोर्ट पर तैनात 3 स्निफर डॉग बुधवार को रिटायर हुए। यात्रियों की सुरक्षा के लिए लगे तीनों स्निफर डॉग को शाही अंदाज में रिटायरमेंट की विदाई दी गई। खुली जिप्सी में बिठाकर उन्हें एयरपोर्ट परिसर में घुमाया गया। एयरपोर्ट और सीआईएसएफ के अधिकारियों ने डॉग्स को माला पहनाकर उनका स्वागत किया। एयरपोर्ट स्टाफ ने डॉग्स के हाथों केक कटवाया और गिफ्ट भी दिए।
ब्लैकी, सुपरबॉय और बुश की शाही विदाई
ब्लैकी, सुपरबॉय और बुश तीनों ही डॉग्स को विदाई के लिए उन्हें फूलमालाओं द्वारा सजी जिप्सी में बिठाया गया। उनहें खास ड्रेस पहनाई गई। जिप्सी के चारों तरफ राष्ट्र ध्वज तिरंगे झंडे लगाए गए। उसके बाद जिस तरह किसी सैन्य अधिकारी या पुलिस के बड़े अधिकारी को विदाई दी जाती है, उन्हें भी विदाई दी गई। जिप्सी पर आगे की तरफ एक रस्सी बांधी गई जिसे खुद एयरपोर्ट डायरेक्टर नंदिता भट्ट, सीआईएसएफ डिप्टी कमांडेंट अतुल भनौत्रा सहित पूरा स्टाफ धीरे-धीरे खींचते हुए ले गए।
7 महीने की उम्र से एयरपोर्ट पर तैनाती
एयरपोर्ट पर तैनात अधिकारियों ने बताया कि ब्लैकी, सुपरबॉय और बुश नाम के ये डॉग्स 24 घंटे ड्यूटी पर मुस्तैद रहते थे। साल 2012 में इन्हें करीब 7 महीने की उम्र में यहां लाया गया था। एयरपोर्ट पर तैनात किए जाने से पहले इनकी 6 महीने की ट्रेनिंग हुई थी। इनके रहने के लिए एयरपोर्ट परिसर में अलग से कमरे बने हैं। सीआईएसएफ के इन डॉग्स की हैंडलिंग जी.नवीन, हरि सिंह, सनातन हेमराज और देवजीत सोनोवाल करते आ रहे थे।
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सुरक्षा के लिए नए डॉग्स की तैनाती
अब इन तीनों डॉग्स की विदाई के बाद चार नए डॉग्स को एयरपोर्ट पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए लगाए गए हैं। रिटायर्ड तीनों डॉग्स को यहां के सैनिकों ने ही अडॉप्ट कर लिया है। सीआईएसएफ के डिप्टी कमांडेंट अतुल भनौत्रा ने कहा कि ये डॉग्स निस्वार्थ भावना के साथ बड़े ही वफादारी से ड्यूटी देते हैं। इसलिए ये भी सम्मान के हकदार हैं।
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