Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Rajasthan News: राजस्थान उच्च न्यायालय ने बच्चा पैदा करने के लिए सामूहिक दुष्कर्म के आरोपित को दिया 15 दिन का पैरोल

    By Vinay Kumar TiwariEdited By:
    Updated: Thu, 20 Oct 2022 09:01 PM (IST)

    Rajasthan News उच्च न्यायालय ने राहुल को 15 दिन के पैरोल पर छोड़ने का आदेश दिया। याचिका में कहा गया था कि पत्नी को गर्भवती या दंपति को वंश बढ़ाने के लिए रोकना संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 की भावना के खिलाफ होगा।

    Hero Image
    Rajasthan News:-अलवर निवासी बृजेश देवी ने राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी

    जयपुर, जागरण संवाददाता। Rajasthan News: राजस्थान उच्च न्यायालय ने नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के आरोपित को 15 दिन पत्नी के साथ रहने की इजाजत दी है। अलवर निवासी आरोपित राहुल बघेल पाक्सो अधिनियम के तहत 20 साल की अलवर जेल में सजा काट रहा है। राहुल की पत्नी बृजेश देवी ने पिछले दिनों उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर पति को पैरोल पर रिहा करने की मांग की थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बृजेश देवी ने बच्चा पैदा करने के मौलिक एवं सैंवधानिक अधिकार का हवाला देत हुए अलवर जिला एवं सत्र न्यायालय में 13 जुलाई, 2022 को आपात पैरोल याचिका दायर की थी। जिला एवं सत्र न्यायालय में मामला लंबित रहा तो बृजेश देवी ने 20 जुलाई, 2022 को उच्च न्यायालय में याचिका दायर की।

    उसने पति को 30 दिन के लिए पैरोल पर रिहा करने की मांग की थी। लेकिन उच्च न्यायालय ने राहुल को 15 दिन के पैरोल पर छोड़ने का आदेश दिया। याचिका में कहा गया था कि पत्नी को गर्भवती या दंपति को वंश बढ़ाने के लिए रोकना संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 की भावना के खिलाफ होगा।

    उच्च न्यायालय ने 15 अक्टूबर को मामले में सुनवाई की और फिर राहुल को पैरोल पर रिहा करने का आदेश दिया। न्यायालय में बृजेश देवी के वकील ने कहा कि राहुल की शादी साल, 2018 में हुई थी। वह साल से जेल में बंद है। बृजेश देवी बच्चा चाहती है। उसके कोई संतान नहीं है। राहुल के दोष में बृजेश देवी का कोई दोष नहीं है। बच्चे को जन्म देना उसका मौलिक अधिकार है।

    यह भी पढ़ें- Bengal News: CM ममता बनर्जी बोली- अच्छे से मनाएं त्योहार, काली पूजा व छठ पर रहेगी दो-दो दिन की छुट्टी

    यह भी पढ़ें- Rajasthan News: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान आसाराम बोले- मेरी कभी आरोपी से मुलाकात ही नहीं हुई, न ही जमानत के लिए बात की

    वहीं सरकारी वकील ने पैरोल की याचिका का विरोध करते हुए राजस्थान प्रेजेंस (रिलीज टु पैरोल) नियम-2021 को न्यायालय में पेश किया। वकील ने कहा कि गर्भधारण के लिए दुष्कर्म मामले के आरोपित को पैरोल देने का कोई प्रावधान नहीं है। इस याचिका का कोई आधार नहीं है। राहुल को पैरोल दी गई तो समाज मे अच्छा संदेश नहीं जाएगा।

    जेल अधीक्षक को दिए अधिकार

    दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने माना की दोषी को पैरोल नहीं देने से उसकी पत्नी को संविधान की ओर से दिए गए अधिकारों का हनन होगा। न्यायालय ने अलवर जेल अधीक्षक को छूट दी है कि वह ऐसी शर्तें लगा सकते हैं, जिससे आरोपित पैरोल के बाद फिर से सजा पूरी करने के लिए जेल में हाजिर हो।

    जेल नियमों के अनुसार पैरोल देने के लिए कहा है। पैरोल के लिए राहुल से दो लाख रुपये का व्यक्तिगत बॉन्ड और एक-एक लाख रुपये के दो जमानती बॉन्ड लेने के निर्देश दिए हैं।