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    कोचिंग संस्थानों पर लगाम लगाने की हो रही तैयारी, कानून बनाएगी राजस्थान सरकार; एक साथ फीस लेने पर होगी रोक

    Updated: Wed, 19 Mar 2025 11:29 PM (IST)

    राजस्थान सरकार कोचिंग संस्थानों और छात्रावासों पर सख्ती के लिए राजस्थान कोचिंग सेंटर (नियंत्रण एवं विनियमन) विधेयक-2025 ला रही है। इसमें झूठे विज्ञापनों पर कार्रवाई एक साथ पूरी फीस लेने पर रोक फीस वापसी और क्लास टाइम सीमित करने जैसे नियम होंगे। कोचिंग हब कोटा में आत्महत्या के बढ़ते मामलों को देखते हुए शिकायत पेटी हेल्पलाइन और निगरानी प्राधिकरण बनाने का भी प्रावधान किया गया है।

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    विधान सभा में उप मुख्यमंत्री प्रेम चंद बैरवा ने राजस्थान कोचिंग सेंटर (नियंत्रण एवं विनियमन) विधेयक-2025 पेश किया।

    जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में कोचिंग संस्थानों और छात्रावासों पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश सरकार कानून बनाएगी। इसके लिए बुधवार को विधान सभा में उप मुख्यमंत्री प्रेम चंद बैरवा ने राजस्थान कोचिंग सेंटर (नियंत्रण एवं विनियमन) विधेयक-2025 पेश किया, जिसमें कोचिंग संस्थानों के झूठे विज्ञापनों, दावों एवं लाभप्रद प्रस्तावों के लिए दंड का प्रविधान किया गया है। अब 21 मार्च को इस पर चर्चा होगी, जिसके बाद विधेयक पारित होगा।

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    विधेयक के प्रविधानों के तहत कोचिंग संस्थान किसी भी पाठ्यक्रम की कोचिंग के लिए छात्रों से पूरी फीस एक साथ नहीं ले सकेंगे। कुल फीस चार किस्तों में जमा करने की सुविधा देनी होगी। अगर छात्र बीच में संस्थान छोड़ता है तो शेष अवधि की फीस 10 दिनों के भीतर वापस करनी होगी। हॉस्टल संचालकों पर भी यह लागू होगा। एक दिन में पांच घंटे से अधिक क्लास नहीं लग सकेगी।

    कोचिंग संस्थानों के लिए लागू किए गए ये प्रविधान

    कोचिंग संस्थानों में सप्ताह में एक दिन अवकाश रखने, शिकायत पेटी लगाने, 24 घंटे काम करने वाला कॉल सेंटर स्थापित करने को बाध्यकारी किया गया है। संस्थानों पर नियंत्रण और निगरानी के लिए प्रदेश स्तरीय प्राधिकरण बनाने का भी प्राविधान किया गया है। प्राधिकरण में उच्च शिक्षा विभाग के सचिव, अध्यक्ष और 11 अन्य विभागों के सचिव व विभागाध्यक्ष सदस्य होंगे। निगरानी के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तर पर समिति बनाई जाएगी। विधेयक में कोचिंग संस्थानों के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। अगर किसी संस्थान का क्षेत्रफल प्रति छात्र न्यूनतम एक वर्ग मीटर से कम है तो उसका पंजीकरण नहीं होगा।

    संस्थानों को देनी होगी जानकारी

    संस्थान की अलग-अलग शाखाओं को अलग-अलग संस्थान माना जाएगा। संस्थानों को अपनी वेबसाइट पर शिक्षकों सहित सभी विषयों की जानकारी देनी होगी। कम से कम स्नात्तक पास शिक्षक रखने होंगे। तय शर्तें नहीं मानने पर संस्थान को पहली बार दो लाख एवं दूसरी बार पांच लाख रुपये का जुर्माना व पंजीकरण रद की कार्रवाई होगगी।

    उल्लेखनीय है कि देश में कोचिंग हब के रूप में प्रसिद्ध कोटा में कोचिंग करने वाले छात्र-छात्राओं की विभिन्न कारणों से आत्महत्या की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इस साल अब तक सात छात्र-छात्राओं ने आत्महत्या की थी। पिछले साल ऐसा करने वालों की संख्या 17 थी।

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