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मुंबई 26/11 आतंकी घटना में मार्कोस कमांडो हिम्‍मत राव ने बचायी थी 175 लोगों की जान

मुंबई में 26 नवम्बर को जब आतंकी घटना में मार्कोस कमांडो दस्‍ते ने 175 लोगों की जान बचायी थी। इस कमांडो दस्ते में शामिल सदस्य हिम्‍मत सिंह राव अब उदयपुर जिले के झाड़ोल में तहसीलदार हैं। कमांडो से सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने राजस्थान प्रशासनिक सेवा की तैयारी की थी।

By Jagran NewsEdited By: Babita KashyapPublished: Sat, 26 Nov 2022 11:26 AM (IST)Updated: Sat, 26 Nov 2022 11:26 AM (IST)
मुंबई 26/11 आतंकी घटना में मार्कोस कमांडो हिम्‍मत राव ने बचायी थी 175 लोगों की जान
26/11 Mumbai Attack: मार्कोस कमांडो ने अपनी जान की परवाह किए बगैर 175 लोगों की जान बचायी थी

उदयपुर, संवाद सूत्र। 26/11 Mumbai Attack: मुंबई में 26 नवम्बर को जब आतंकी घटना हुई तब मार्कोस कमांडो ने अपनी जान की परवाह किए बगैर 175 लोगों की जान बचाने में अहम भूमिका निभाई। इस कमांडो दस्ते में शामिल एक सदस्य अब उदयपुर जिले के झाड़ोल में तहसीलदार हैं।

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उनका कहना है कि यह घटना वह कभी नहीं भूल पाते। उस समय लोगों की जान बचाना एकमात्र मकसद था और मार्कोस कमांडो ने अपनी जान की परवाह किए बगैर लोगों की जान बचाई। कमांडो से सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने राजस्थान प्रशासनिक सेवा की तैयारी की और तहसीलदार बनकर अब सेवाएं दे रहे हैं।

कमांडो दल के हिम्मत सिंह राव अब झाड़ोल के हैं तहसीलदार

मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमले की शनिवार को 14वीं बरसी है। इस हमले से पूरी मुंबई दहल उठी थी। कई लोग मारे गए। आतंकियों को काबू करने में मार्कोस कमांडो की खास भूमिका रही। उसी कमांडो दल में हिम्मत सिंह राव भी रहे हैं, जो मूलत: सिरोही जिले के बसंतगढ़ के रहने वाले हैं और फिलहाल उदयपुर जिले के झाड़ोल के तहसीलदार हैं।

वे बताते हैं कि साल 2014 को मार्कोस कमांडो से रिटायर्ड हुए। साल 2016 में आरएएस एग्जाम देकर तहसीलदार बन गए। इससे पहले 2013 में भी आरएएस में एक्साइज इंस्पेक्टर पोस्ट मिली लेकिन आरएएस बनने की तैयारी जारी रखी।

चारों तरफ मची थी चीख-पुकार

वे बताते हैं कि आतंकियों ने सैकड़ों लोगों को बंधक बनाए हुए था, इसलिए सीधे ओपन फायरिंग नहीं की जा सकती थी। पहला मिशन लोगों की जान बचाना था। चारों तरफ चीख-पुकार मची हुई थी। मार्कोस कमांडो को आतंकियों पर काबू करने तथा लोगों की जान बचाने का काम सौंपा गया था। मैं भी उस टीम का हिस्सा था। बंधक लोगों ने जब हम कमांडो को देखा तो उनकी आंखों में एक चमक और उम्मीद नजर दिखी।

इससे बड़ी उपलब्धि मेरे लिए कोई नहीं थी। हमें घटना स्थल पर जाने से पहले आतंकियों का हुलिया व उनके कपड़े बता दिए गए। हमें पता लगा कि आतंकी होटल के डायनिंग हॉल में छिपे हैं ऐसे में मेरी टीम ने होटल से लोगों को रेस्क्यू करना शुरू किया। मिशन के दौरान हमने आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया और बाकी आतंकी मारे गए।

साल 2014 में कमांडो से सेवानिवृत्त हो साल 2016 में बने तहसीलदार

हिम्मत सिंह राव बताते हैं कि वह साल 2014 को मार्कोस कमांडो से रिटायर्ड हुए। फिर साल 2016 में आरएएस एग्जाम देकर तहसीलदार बन गए।

वह इंडियन नेवी जनवरी 1999 में शामिल हुए। तब शिप में पोस्टिंग मिली उस समय पहली बार मार्कोस कमांडो को देखा तो मैंने मार्कोस कमांडो बनने की ठानी और फिर 2004 में मार्कोस कमांडो बना। 31 जनवरी 2014 को उसी दिन मैं रिटायर्ड हुआ, उसी दिन मेरे पिता भी रिटायर्ड हुए थे।

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