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    Jaipur Foundation Day: आज 297 साल का हुआ जयपुर, इस जगह रखा गया था नींव का पहला पत्थर; पढ़ें 'गुलाबी शहर' के 7 दरवाजे की खासियत?

    Updated: Mon, 18 Nov 2024 09:13 AM (IST)

    आज जयपुर पूरे 297 साल का हो गया है आज ही के दिन जयपुर की स्थापना साल 1727 में आमेर के राजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने की थी। कहा जाता है जयपुर महज एक शहर नहीं बल्कि भारत की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर है। जयपुर की पहली नींव जयपुर के वॉल सिटी इलाके में गंगापोल क्षेत्र में रखी गई थी और इसे गंगापोल दरवाजा कहा जाता है।

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    आज जयपुर पूरे 297 साल का हो गया (फोटो-फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, जयपुर Jaipur Foundation Day: आज जयपुर पूरे 297 साल का हो गया है, आज ही के दिन जयपुर की स्थापना साल 1727 में आमेर के राजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने की थी। कहा जाता है जयपुर महज एक शहर नहीं बल्कि, भारत की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर है।

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    जानकारी के लिए बता दें कि जिस वक्त जयपुर की स्थापना हुई थी, उस वक्त आमेर की राजधानी जल संकट और कम जगह की वजह से फैलाई नहीं जा सकती थी। इसी मसले को हल करने के लिए सवाई जय सिंह ने एक आधुनिक शहर की नींव रखी थी। जयपुर का निर्माण न केवल वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है, बल्कि यह विज्ञान और ज्योतिष के प्रति सवाई जयसिंह के लगाव को भी दर्शाता है।

    यहां रखी गई थी पहली नींव

    जयपुर की पहली नींव जयपुर के वॉल सिटी इलाके में गंगापोल क्षेत्र में रखी गई थी और इसे गंगापोल दरवाजा कहा जाता है। आज से 297 साल पहले ये नींव रखी गई थी, बहुत कम लोग इस दरवाजे के बारे में जानते हैं।

    जयपुर की शान है उसके दरवाजे

    जयपुर का जंतर मंतर इसकी नायाब मिसाल है। यह एक खगोलीय वेधशाला है, जिसे यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया था। जयपुर के दरवाजे की शहर की शान और पहचान हैं, जयपुर चहार दीवारी में बसा शहर है। ये ऊंची दीवारें ना सिर्फ शहर को हिफाजत करती थीं। जयपुर की खूबसूरती में चार चांद लगा देती हैं। जयपुर जब इससे बाहर फैला तो लोग इसे 'परकोटा' कहने लगे।

    हर दरवाजों के नामों की एक अलग खासियत हैं

    • सांगानेरी गेट: यह दरवाजा सांगानेर की ओर ले जाता है, जो अपने ब्लॉक प्रिंटिंग और हस्तशिल्प के लिए मशहूर है।
    • चांदपोल गेट: पश्चिम दिशा में बने इस दरवाजे से चांदपोल बाजार का रास्ता है, जो आज भी बेहद व्यस्त बाजार है।
    • घाट गेट: इस दरवाजे का इस्तेमाल शहर के पूर्वी हिस्से से बाहर निकलने के लिए होता था।
    • सबसे ज्यादा खास है अजमेरी गेट: बता दें कि यह दरवाजा अजमेर की तरफ खुलता है और दक्षिण की ओर जाने वालों के लिए मुख्य रास्ता है।
    • त्रिपोलिया गेट: ये दरवाजा शाही परिवार का खास दरवाजा है, जिसे आम जनता इस्तेमाल नहीं कर सकती थी।
    • सूरजपोल गेट: इसका नाम सूरज की दिशा यानी पूर्व में खुलने की वजह से रखा गया है।
    • न्यू गेट: इसे बाद में बनाया गया, और यह जयपुर के नए इलाकों को जोड़ता है।

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