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Congress President Election: राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने के अशोक गहलोत के प्रस्ताव का राजस्थान कांग्रेस ने किया समर्थन

Congress President Election राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्यों की बैठक में राहुल गांधी को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के प्रस्ताव का समर्थन किया गया। सीएम गहलोत ने राहुल को अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर नेताओं से हाथ खड़े करवाए। सभी ने सीएम के प्रस्ताव का समर्थन किया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 17 Sep 2022 04:44 PM (IST)Updated: Sat, 17 Sep 2022 06:53 PM (IST)
Congress President Election: राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने के अशोक गहलोत के प्रस्ताव का राजस्थान कांग्रेस ने किया समर्थन
राहुल को कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने के गहलोत के प्रस्ताव का राजस्थान कांग्रेस ने किया समर्थन। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। Congress President Election: राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्यों की बैठक में शनिवार को राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के प्रस्ताव का समर्थन किया गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर नेताओं से हाथ खड़े करवाए। सभी ने सीएम के प्रस्ताव का समर्थन किया।

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अजय माकन और डोटासरा ने कही ये बात

दरअसल, पीसीसी (PCC) सदस्यों की पहली बैठक में निर्वाचन अधिकारी और प्रदेश प्रभारी अजय माकन (Ajay Makan) की मौजूदगी में प्रदेश अध्यक्ष व अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्यों के चयन का अधिकार पार्टी आलाकमान पर छोड़ा गया। यह प्रस्ताव पारित होने के बाद निर्वाचन अधिकारी बैठक से चले गए। उसके बाद गहलोत ने राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा। अजय माकन ने कहा कि सभी पदों पर फैसले का अधिकार आलाकमान पर छोड़े जाने का प्रस्ताव ही अधिकारिक है। वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने कहा कि सभी कांग्रेसजन राहुल को अध्यक्ष बनाना चाहते हैं।

संगठनचुनाव में परिवारवाद हावी, नेताओं ने अपने स्वजनों को बनवाया पीसीसी सदस्य

उधर, कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व एक तरफ तो परिवारवाद की आरोपों से बाहर निकलने की कोशिश में जुटा है। वहीं दूसरी तरफ, राजस्थान में कांग्रेस के संगठनात्मक चुनाव में जमकर परिवारवाद चला। नेताओं ने अपने स्वजनों को पीसीसी का सदस्य बनाया है। किसी नेता ने अपनी मां तो किसी ने अपने बेटे और पत्नी को पीसीसी का सदस्य बनवा दिया। पार्टी के कार्यकर्ता नेताओं के इस फैसले के विरोध में उतर गए हैं। कार्यकर्ताओं ने परिवारवाद की शिकायत आलाकमान से की है।

ऐसे चला परिवारवाद

सीएम गहलोत और उनके पुत्र वैभव, पायलट व उनकी मां रमा पायलट,पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत व उनके पुत्र बालेंदु सिंह एक साथ पीसीसी सदस्य बने । इसी तरह कृषि विपणन मंत्री मंत्री मुरारी लाल मीणा और उनकी पत्नी सविता मीणा,विधायक दिव्या मदेरणा एवं उनकी मां लीला मदेरणा,शिक्षा राज्यमंत्री जाहिदा ने अपने पति जलिस व बेटे साजिद,निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर ने अपने बेटे विकास,विधायक वीरेंद्र बेनीवाल ने अपनी पत्नी सविता,लालचंद कटारिया ने अपने भाई की पत्नी रेखा,सरकारी उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी ने पत्नी सुनीता, रघु शर्मा का बेटा सागर व पूर्व सांसद बद्री जाखड़ ने बेटी मुन्नी को पीसीसी सदस्य बनवाया है।

पीसीसी सदस्यों के चार सौ पदों में से 119 सदस्य नेताओं के रिश्तेदार बने

प्रदेश में पीसीसी सदस्यों के चार सौ पदों में से 119 सदस्य नेताओं के रिश्तेदार बने हैं। कार्यकर्ताओं में नाराजगी इस बात को लेकर है कि जिन 19 विधानसभा सीटों पर निर्दलीय विधायक निर्वाचित हुए और गहलोत सरकार को समर्थन दे रहे हैं। वहां कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वालों को दरकिनार किया गया है। निर्दलीय विधायक पार्टी के प्राथमिक सदस्य नहीं होने के कारण पीसीसी सदस्य नहीं बन सके,लेकिन उन्होंने अपने स्वजनों व चहेतों को सूची में शामिल करवा दिया।

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