Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राजस्थान में बनेगा मतांतरण विरोधी कानून, लव जिहाद की परिभाषा भी तय; प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी

    Updated: Sat, 30 Nov 2024 10:59 PM (IST)

    राजस्थान सरकार जल्द ही मतांतरण विरोधी और लव जिहाद के खिलाफ कानून लाने जा रही है। शनिवार को हरियाणा की कैबिनेट ने प्रस्ताव को मंजूरी दी है। प्रस्ताव के मुताबिक अवैध मतांतरण पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। उधर लव जिहाद की परिभाषा भी तय की गई है। लव जिहाद को रोकने के लिए कानूनी प्रविधान किए गए हैं। बजट सत्र में विधेयक पेश किया जाएगा।

    Hero Image
    राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा। ( फाइल फोटो )

    जेएनएन, जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में शनिवार को मतांतरण विरोधी कानून राजस्थान प्रोविजन ऑफ अनलॉफुल कन्वर्जन रिलीजन बिल-2024 के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। बजट सत्र में इसे पेश किया जाएगा। विधेयक में किसी को लालच देकर या डरा धमकाकर मतांतरण करवाने पर 10 वर्ष तक जेल की सजा का प्रविधान किया गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बिना सूचना मंतातरण होगा अपराध

    बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि किसी की निरक्षरता, भलमनसाहत का नाजायज फायदा उठाकर प्रशासन को बिना सूचना दिए कोई मतांतरण कराता है तो हम उसे आपराधिक कृत्य मानते हैं। इसी अपराध को रोकने के लिए हम यह कानून लेकर आए हैं। कोई पहली बार नाजायज मतांतरण कराता है तो एक से पांच वर्ष की सजा का प्रविधान रखा गया है।

    कितनी सजा का प्रावधान?

    मंत्री ने कहा कि कोई नाबालिग या एससी-एसटी के व्यक्ति का जबरन मतांतरण कराता है तो तीन से 10 वर्ष की सजा का प्रविधान है। अगर कोई समूह में मतांतरण कराता है या बार-बार मतांतरण कराता है तो उसके लिए सजा के प्रविधान कड़े रखे गए हैं। मंत्री ने बताया कि कोई खुद की मर्जी से मतांतरण करता है तो उसे 60 दिन पहले जिला कलेक्टर को सूचना देकर जरूरी प्रक्रिया अपनानी होगी।

    लव जिहाद की परिभाषा तय

    लव जिहाद को रोकने के लिए कानूनी प्रविधान किए गए हैं। बिल में लव जिहाद को परिभाषित किया गया है। अगर कोई मतांतरण के लिए विवाह करता है तो लव जिहाद माना जाएगा। पारिवारिक न्यायालय ऐसे विवाह को अमान्य घोषित कर सकता है। इस विधि में अपराध गैर-जमानती व संज्ञेय होंगे। अभी राज्य में अवैध रूप से मतांतरण को रोकने के संबंध में कोई विशिष्ट कानून नहीं है, इसलिए कैबिनेट की बैठक में विचार कर इसके प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया है।

    इन राज्यों में लागू है मतांतरण विरोधी कानून

    बता दें कि देश के कई राज्यों में मतांतरण विरोधी कानून लागू है। यह गुजरात में 2003 में, हिमाचल प्रदेश में 2006 में, उत्तराखंड में 2018 में, उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश में 2020 में और कर्नाटक में 2021 में लागू किया गया। इन राज्यों में इस कानून के तहत मतांतरण के लिए अनुमति लेना आवश्यक है। ओडिशा में सबसे पहले 1967 में मतांतरण कानून लाया गया था।

    यह भी पढ़ें: 'भाजपा से ही होगा मुख्यमंत्री', शपथग्रहण से पहले अजित पवार का खुलासा; बताया सरकार बनाने का फॉर्मूला

    यह भी पढ़ें: संभल नहीं पहुंच सका सपा का प्रतिनिधिमंडल, नेता नजरबंद... अखिलेश ने बताया 'तानाशाही'; पढ़ें पूरा अपडेट