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केंद्रीय मंत्रिमंडल के बाद अब राजस्थान में होंगे बड़े बदलाव, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष, संगठन महामंत्री और विधानसभा उपाध्यक्ष पर होगा फैसला

केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल गठन के बाद भाजपा राजस्थान में प्रदेशस्तर पर संगठन में बड़े बदलाव करने की तैयारी कर रही है। अब जल्द ही भाजपा के किसी एक वरिष्ठ विधायक को विधानसभा में उपाध्यक्ष और सरकारी उप मुख्य सचेतक बनाया जाएगा। साथ ही प्रदेशाध्यक्ष पद पर भी बदलाव होना तय है। वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष सी.पी.जोशी प्रदेश की सोशल इंजीनियरिंग में फिट नहीं बैठ रहे हैं।

By Jagran News Edited By: Versha Singh Mon, 10 Jun 2024 01:34 PM (IST)
केंद्रीय मंत्रिमंडल के बाद अब राजस्थान में होंगे बड़े बदलाव, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष, संगठन महामंत्री और विधानसभा उपाध्यक्ष पर होगा फैसला
केंद्रीय मंत्रिमंडल के बाद अब राजस्थान में होंगे बड़े बदलाव (फाइल फोटो)

जागरण संवादददाता, जयपुर। केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल गठन के बाद भाजपा राजस्थान में प्रदेशस्तर पर संगठन में बड़े बदलाव करने की तैयारी कर रही है। अब जल्द ही भाजपा के किसी एक वरिष्ठ विधायक को विधानसभा में उपाध्यक्ष और सरकारी उप मुख्य सचेतक बनाया जाएगा। साथ ही प्रदेशाध्यक्ष पद पर भी बदलाव होना तय है।

वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष सी.पी.जोशी प्रदेश की सोशल इंजीनियरिंग में फिट नहीं बैठ रहे हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ब्राहम्ण हैं। वहीं जोशी भी ब्राहम्ण हैं। ऐसे में जोशी को प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाया जाना तय हो गया है। अगले कुछ दिनों में प्रदेशाध्यक्ष पद पर बदलाव होना तय है। लोकसभा चुनाव में जाट समाज की नाराजगी और मूल ओबीसी वर्ग के किसी नेता को प्रदेशाध्यक्ष बनाया जा सकता है।

जातिगत समीकरण साधने की तैयारी

सूत्रों के अनुसार, राज्यसभा सांसद मदन राठौड़, राजेंद्र गहलोत, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और प्रभुलाल सैनी के नामों पर विचार किया जा रहा है। इनमें से किसी एक नेता को प्रदेशाध्यक्ष बनाया जाएगा। राठौड़ घांची समाज से हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से राठौड़ का सम्पर्क है।

वहीं, गहलोत और सैनी भाजपा के परम्परागत वोट बैंक माली समाज से हैं। इनमें गहलोत की छवि निर्विवाद नेता की है। वे प्रदेश की राजनीति में किसी भी तरह की गुटबाजी में नहीं है। सैनी को लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष ओम बिरला के निकट माना जाता है। धनखड़ को अध्यक्ष बनाने को लेकर जाट समाज के नेताओं का एक वर्ग लाबिंग में जुटा है।

इन नेताओं का तर्क है कि पूनिया को प्रदेशाध्यक्ष बनाकर जाट समाज को साधने का प्रयास किया जा सकता है। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी जाट हैं। लोकसभा चुनाव में जाट समाज ने भाजपा के स्थान पर कांग्रेस को समर्थन दिया। इंडिया गठबंधन के दो निर्वाचित सांसद भी जाट समाज से ही हैं।

ऐसे में जाट नेता को प्रदेशाध्यक्ष बनाकर आगामी समय में होने वाले पंचायत चुनाव के लिहाज से जाट वोट बैंक को साधा जा सकता है। प्रदेश संगठन महामंत्री का पद करीब पांच महीने से रिक्त है। ऐसे में संगठन महामंत्री पद पर भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)से जुड़े नेता की नियुक्ति होगी।

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