Kisan Andolan के एक साल पूरे होने पर होगी 3 महापंचायतें, 69वें भी जारी रहा डल्लेवाल का अनशन
किसान आंदोलन के एक साल पूरे होने पर संयुक्त किसान मोर्चा ने पंजाब और राजस्थान में महापंचायतों का ऐलान किया है। 11 फरवरी को रत्नपुरा (राजस्थान) 12 को खनौरी और 13 को शंभू बॉर्डर पर महापंचायत होगी। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन जारी है। किसानों की मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी का कानून बनाना है।

संवाद सूत्र, खनौरी (संगरूर)। संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक ने किसानी मांगों को लेकर शुरू किए गए संघर्ष के 13 फरवरी को एक वर्ष पूरे होने पर राजस्थान के अलावा पंजाब में तीन महापंचायतें करने की घोषणा की है। किसान नेता काका सिंह कोटड़ा व अभिमन्यु कोहाड़ ने एलान किया कि 11 फरवरी को रत्नपुरा (राजस्थान), 12 को खनौरी, 13 को शंभू बॉर्डर पर महापंचायत होगी।
69वें दिन भी जारी रहा डल्लेवाल का अनशन
11 फरवरी की पहली महापंचायत में पंजाब की लीडरशिप राजस्थान रत्नपुरा मोर्चे पर जाएगी। किसान नेताओं ने कहा कि जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन व समूह किसानों की एकता की बदौलत ही केंद्र सरकार बातचीत के लिए आगे आई है। दूसरी तरफ डल्लेवाल का आमरण अनशन रविवार को 69 वें दिन भी जारी रहा।
केसीसी की सीमा बढ़ाने से बढ़ेगी आत्महत्याओं की प्रवृत्ति
पटियाला के शंभू में किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने केंद्रीय बजट में कृषि क्षेत्र के लिए महज 3.38 प्रतिशत बजट आवंटित किए जाने पर निराशा व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों को फिर से कर्ज के जाल में धकेलने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की सीमा तीन से बढ़ाकर पांच लाख कर दी है।
इससे किसानों पर कर्ज का और बोझ पड़ेगा, जिससे आत्महत्याओं में और वृद्धि होगी। किसानों की सबसे बड़ी मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी का कानून बनाना है।
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पंजाब के सिर पर कलंक नहीं लगने देंगे- डल्लेवाल
पिछले दिनों किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि दिल्ली में चले पिछले किसान आंदोलन के समाप्त होने के बाद अन्य राज्यों के किसानों ने पंजाब के किसानों को ताना मारा था कि वह एमएसपी की मांग को बिना पूरा करवाए ही आंदोलन को अधूरा छोड़कर जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वह चाहते थे कि पंजाब के सिर पर ऐसा कलंक नहीं लगना चाहिए। पंजाब के पानी व किसानी को बचाने के लिए वाहेगुरु ने यह आंदोलन फिर से आरंभ करवाया।
डल्लेवाल ने कहा कि देशभर के किसानों, मजदूरों व अन्य वर्गों ने इस आंदोलन को ताकत देने का काम किया है व इसे जीत तक पहुंचाने की भी सभी की जिम्मेदारी है। 18 जनवरी को केंद्र से आए वफद बैठक का प्रस्ताव लेकर पहुंचा है।

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