Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Farmers Protest: खनौरी बॉर्डर पर नहीं जले चूल्हे; किसानों का आमरण अनशन जारी, डल्लेवाल का 11 किलो वजन घटा

    Updated: Tue, 10 Dec 2024 12:36 PM (IST)

    भाकियू सिद्धूपुर के प्रांतीय प्रधान जगजीत सिंह डल्लेवाल का खनौरी बॉर्डर पर किसानी मांगों को लेकर आमरण अनशन मंगलवार को 15वें दिन भी जारी रहा। उनके समर्थन में किसानों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है। इतना ही नहीं महिलाएं भी उनके आमरण अनशन का समर्थन कर रही हैं। अनशन की वजह से डल्लेवाल की सेहत लगातार बिगड़ रही है।

    Hero Image
    खनौरी बार्डर पर डल्लेवाल के समर्थन में किसानों का भूख हड़ताल। जागरण

    जागरण संवाददाता, संगरूर। भाकियू सिद्धूपुर के प्रांतीय प्रधान जगजीत सिंह डल्लेवाल का खनौरी बॉर्डर पर किसानी मांगों की प्राप्ति के लिए चल रहा आमरण अनशन मंगलवार को 15 दिन हो गए हैं। डल्लेवाल के आमरण अनशन के समर्थन में मंगलवार को खनौरी बॉर्डर पर मौजूद तमाम किसानों ने सुबह से ही भूख हड़ताल आरंभ कर दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आज खनौरी बॉर्डर पर किसान ट्राली में सुबह से चूल्हे में आग नहीं जली। किसी ट्राली में लंगर नहीं पकाया व सभी किसानों ने आज भूखे रहकर जगजीत सिंह डल्लेवाल का हौसला बढ़ाया व केंद्र सरकार के खिलाफ रोष जताया।

    सेहत पर पड़ रहा असर

    पंद्रह दिन से जगजीत सिंह डल्लेवाल की अनशन की वजह से सेहत लगातार खराब हो रही है। ग्यारह किलो भार कम हो गया है, वहीं किडनी व लीवर पर भी असर हो रहा है। दो दिन से वह न तो मंच पर आए तथा न ही स्नान किया। बल्कि बंद ट्राली में ही आराम कर रहे हैं। किसान नेता काका सिंह कोटड़ा सहित अन्य किसान ट्राली में ही उनकी सेवा करने में जुटे हैं।

    यह भी पढ़ें- क्या नहीं खुलेंगे किसान प्रदर्शन के चलते बंद रास्ते? सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका, कहा- मामला पहले से लंबित

    खनौरी बॉर्डर पर 65 वर्षीय किसान सुरजीत सिंह ने कहा कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल समूह किसानों व आने वाली पीढ़ी के लिए आमरण अनशन पर बैठे अपनी जान को दांव पर लगाए हुए है। ऐसे में उन सब किसानों का भी फर्ज बनता है कि उनकी खातिर आज भूख हड़ताल करके उनका समर्थन करें।

    खनौरी बार्डर पर ठंडे पड़े चूल्हे।

    इस वजह से शुरू हुआ आमरण अनशन

    इस किसान आंदोलन के दौरान नौजवान किसान शुभकरण सिंह की मौत हुई, तो सभी ने किसान नेताओं पर सवाल खड़ा किया कि किसान नेता नौजवानों को आगे करके उन्हें बली का बकरा बना रहे हैं, लेकिन जगजीत सिंह डल्लेवाल ने फैसला लिया कि वह किसी अन्य नौजवान को मरने नहीं देंगे, बल्कि किसानी मांगों की प्राप्ति के लिए खुद की जान कुर्बान करेंगे। इसलिए आमरण अनशन आरंभ किया है।

    महिलाएं भी कर रही हैं समर्थन

    उन्होंने कहा कि जब तक मांगें पूरी नहीं होगी, तब तक अनशन जारी रहेगा। अगर डल्लेवाल प्राण त्याग देते हैं तो उनकी जगह पर सुखजीत सिंह हरदो आमरण अनशन आरंभ करेंगे। किंतु आज भी समूह किसानों की केंद्र सरकार से मांग है कि वह जल्द किसानों की मांगें पूरी करें, ताकि यह आंदोलन समाप्त हो सके।

    मोर्चे में डटी महिलाओं ने भी डल्लेवाल के अनशन का समर्थन करते हुए कहा कि आज वह भी मोर्चे में दिन भर भूखे रहेगी। कोई चूल्हा नहीं जलाया गया है। आज आसपास के गांवों से कोई लंगर नहीं मंगवाया गया, जो भी आएगा उसे वापस भेजा जाएगा।

    यह भी पढ़ें- कड़ी सुरक्षा के बीच सुखबीर बादल ने की श्री फतेहगढ़ साहिब में सेवा, जानिए कब खत्म होगी धार्मिक सजा?