क्या नहीं खुलेंगे किसान प्रदर्शन के चलते बंद रास्ते? सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका, कहा- मामला पहले से लंबित
सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के प्रदर्शन के कारण अवरुद्ध राजमार्गों को खोलने की मांग वाली जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि यह मामला पहले से ही कोर्ट में लंबित है इसलिए बार-बार एक ही मुद्दे पर नई याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को मुख्य मामले पर सुनवाई के दौरान पक्ष रखने की स्वतंत्रता दी है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली/चंडीगढ़। सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के प्रदर्शन के कारण अवरुद्ध राजमार्गों को खोलने की मांग वाली जनहित याचिका पर विचार करने से इन्कार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि यह मामला पहले से ही कोर्ट में लंबित है, फिर एक ही मुद्दे पर बार बार नई याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता।
सर्वोच्च अदालत ने याचिका खारिज कर दी है। ये आदेश और टिप्पणियां जस्टिस सूर्यकांत और मनमोहन की पीठ ने गौरव लूथरा की जनहित याचिका खारिज करते हुए सोमवार को की।
राष्ट्रीय राज्यमार्ग और रेलवे ट्रैक बंद नहीं हों
कोर्ट ने मौजूदा याचिका को भी पहले से लंबित याचिका के साथ सुनवाई के लिए संलग्न करने का अनुरोध भी नहीं माना।
गौरव लूथरा ने याचिका में मांग की थी कि पंजाब, हरियाणा और केंद्र सरकार को किसानों के विरोध प्रदर्शन से प्रतिबंध हटाने के साथ ही यह सुनिश्चित करने का निर्देश दें कि आंदोलनकारी किसानों के अवरुद्ध किए सभी राष्ट्रीय राज्यमार्ग और रेलवे ट्रैक बंद नहीं हों, वहां आम जनता के लिए सुचारु आवागमन हो।
सोमवार को कोर्ट ने याचिका पर विचार करने से इन्कार करते हुए कहा कि जब कोर्ट पहले से ही इस मुद्दे पर विचार कर रहा है तो यह नई याचिका क्यों दाखिल की गई। इससे गलत धारणा बनती है।
शंभू और खनूरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान
पीठ ने कहा कि कोर्ट ने इस दिशा में कुछ पहल की है। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि किसानों की शिकायतों पर तो विचार हो रहा है लेकिन यात्रियों की परेशानियों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। कोर्ट ने टिप्पणी की कि याचिका का उद्देश्य प्रचार पाना प्रतीत होता है।
हालांकि कोर्ट ने याचिकाकर्ता को मुख्य मामले पर सुनवाई के दौरान पक्ष रखने की स्वतंत्रता दी है। ध्यान रहे किसान अपनी मांगों के समर्थन में गत फरवरी से शंभू बार्डर और खनूरी बार्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। वह दिल्ली आना चाहते हैं लेकिन पुलिस ने उन्हें राज्य की सीमा पर ही रोके रखा है। इस कारण बार्डर बंद हैं और लोगों को आवागमन में परेशानी होती है।
यह मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और कोर्ट ने गत सितंबर में किसानों की मांगों पर गौर करने के लिए पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश नवाब ¨सह की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी।
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