Punjab News: 110 दिन बाद जेल से बाहर आया नारायण सिंह चौड़ा, गोल्डन टेम्पल में सुखबीर बादल पर चलाई थी गोली
नारायण सिंह चौड़ा को रूपनगर जेल से रिहा कर दिया गया है। नारायण सिंह ने पिछले साल दिसंबर में श्री हरमंदिर साहिब में पंजाब के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाई थी उसे 110 दिनों के बाद जेल से रिहा कर दिया गया है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुमित घई की अदालत ने मंगलवार को चौड़ा की जमानत याचिका स्वीकार की थी।

जागरण संवाददाता, रूपनगर। रूपनगर जिला जेल से पूर्व आतंकी नारायण सिंह चौड़ा को रिहा कर दिया गया है। नारायण सिंह चौड़ा को बीते मंगलवार अदालत से जमानत मिली थी। पिछले साल दिसंबर माह में पूर्व आतंकी नारायण सिंह चौड़ा ने श्री हरमंदिर साहिब में तनखैया करार की धार्मिक सजा काट रहे पंजाब के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर हमला किया था।
बीते मंगलवार अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुमित घई की अदालत ने पूर्व आतंकी नारायण सिंह चौड़ा की जमानत याचिका स्वीकार कर ली। पूर्व आतंकी को 110 दिन से ज्यादा जेल में न्यायिक हिरासत में रहना पड़ा। मामले की पैरवी कर रहे वकील जेएस रंधावा ने बताया कि पुलिस द्वारा नारायण चौड़ा के पुराने 28 केसों का बहस के दौरान हवाला दिया जाता रहा। जबकि उन्होंने कोर्ट से निवेदन किया कि उक्त मामले में कोई भी घायल नहीं हुआ था।
79 साल का है नारायण सिंह चौड़ा
नारायण चौड़ा की 78 साल की उम्र का भी सुनवाई के दौरान जिक्र किया गया। ज्ञात हो कि पूर्व आतंकी नारायण सिंह चौड़ा ने चार दिसंबर, 2024 की सुबह श्री हरिमंदिर साहिब परिसर में धार्मिक सजा भुगत रहे पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल पर गोली चला दी थी। मौके पर मौजूद सुरक्षा कर्मियों और एसजीपीसी की टास्क फोर्स ने चौड़ा को गोली चलने के दौरान ही काबू कर लिया। इस कारण पूर्व आतंकी का निशाना चूक गया था।
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सजा के पहले दिन हुआ हमला
श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से पिछले साल दिसंबर महीने में शिरोमणि अकाली दल की सरकार में मंत्री रहे सुखबीर बादल सहित 23 लोगों को तनखैया करार दिया गया था। इसके अंतर्गत श्री अकाल तख्त ने उन्हें धार्मिक सजा सुनाई थी। इसी के तहत सुखबीर सिंह बादल श्री हरमंदिर साहिब में सजा के रूप में पहले दिन प्रवेश द्वार पर पहरेदारी कर रहे थे। इसी दौरान नारायण सिंह चौड़ा ने उन पर हमला कर दिया। गनीमत रही कि निशाना चूक गया।
पुलिस ने दिखाई सतर्कता
4 दिसंबर को सुबह करीब 9 बजे अचानक दोषी नारायण सिंह बादल के नजदीक पहुंचा तथा पिस्तौल सुखबीर सिंह बादल की ओर कर फायर किया। पिस्टल निकालते हुए टास्क फोर्स के एक कर्मी ने नारायण सिंह को देख लिया तथा अविलंब उसे रोकने का प्रयास किया गया। हालांकि, तब तक उसने फायर कर दिया था। लेकिन सुरक्षाकर्मियों के अवरोध के कारण यह फायर मिस हो गया।
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