Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गले में तख्ती... हाथ में बरछा, इन पांच गलतियों के लिए सुखबीर बादल को मिली है सजा; टॉयलेट भी साफ करने का आदेश

    Updated: Tue, 03 Dec 2024 12:57 PM (IST)

    श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा सोमवार को सुखबीर बादल सहित कई नेताओं को धार्मिक सजा सुनाई गई थी। धार्मिक सजा के तहत सुखबीर सिंह बादल ने व्हीलचेयर पर बैठकर सेवादार की पोशाक पहनते हुए हाथ में बरछा थामकर श्री हरमंदिर साहिब के मुख्य प्रवेश द्वार के बाहर पहरेदारी की सेवा शुरू कर दी है। पढ़िए किन पांच गलतियों की वजह से सुखबीर बादल को सजा मिली है।

    Hero Image
    श्री हरिमंदिर साहिब के बाहर सजा काट रहे हैं सुखबीर बादल (फोटो- जागरण)

    जागरण संवाददाता, अमृतसर। तख्तों के पांच सिंह साहिबान द्वारा पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल सहित उनकी सरकार में रहे मंत्रियों को सजा सुनाई गई है। बादल सरकार में हुई गलतियों के लिए धार्मिक सजा के तहत आज सुखबीर सिंह बादल ने सुबह 9:10 बजे व्हीलचेयर पर बैठकर सेवादार की पोशाक पहनते हुए हाथ में बरछा थाम कर श्री हरमंदिर साहिब के मुख्य प्रवेश द्वार के बाहर पहरेदारी की सेवा शुरू कर दी है। उनके साथ ही पूर्व अकाली मंत्री एवं पूर्व सांसद सुखदेव सिंह ढींडसा ने भी यही सेवा शुरू कर दी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शौचालय साफ करने की भी सजा

    सुखबीर बादल एवं सुखदेव सिंह ढींडसा को सुबह एक घंटा 9 से 10 बजे तक यह सेवा करने का आदेश दिया गया है। सुखबीर बादल को शौचालय साफ करने की भी सजा सुनाई गई थी, लेकिन पैर में प्लास्टर लगे होने के कारण उन्हें इससे छूट दे दी गई। अकाली दल के बागी गुट और शिरोमणि अकाली दल के तत्कालीन सरकार के दौरान अन्य कैबिनेट के सदस्य 12 बजे के बाद शौचालय साफ करेंगे।

    इन पांच गलतियों के लिए मिली सजा

    श्री अकाल तख्त ने साल 2007 से 2017 तक पंजाब में तत्कालीन शिरमोणि अकाली दल की सरकार में हुई गलतियों के कारण सजा सुनाई है। उस समय सुखबीर सिंह बादल के पिता प्रकाश सिंह बादल मुख्यमंत्री थे।

    राम रहीम के खिलाफ मामला वापस ली: 2007 में सलाबतपुरा में सच्चा सौदा डेरा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं की तरह कपड़ों को पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचा था। उस समय इसके खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में अकाली सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया।

    प्रभाव का इस्तेमाल कर दिलवाई थी माफी: श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ा। अंत में श्री अकाल तख्त साहिब ने डेरा मुखी को माफी देने का फैसला वापस लिया।

    बरगाड़ी मामले में न्याय दिलाने में असफल: 1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए व बाहर फेंक दिए। अकाली दल की सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में असफल रहे। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए और कोटकपूरा और बहबल कलां में दुखद घटनाएं हुईं।

    सुमेध सैनी को पंजाब का डीजीपी बनाना: अकाली दल सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का डीजीपी नियुक्त किया था। राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने के लिए उन्हें जाना जाता था। पूर्व डीजीपी इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया।

    श्री दरबार साहिब के मुख्य द्वार पर एक तरफ सुखदेव सिंह ढींढसा और दूसरी ओर सुखबीर सिंह बादल दरबान की सेवा करते हुए। (फोटो- जागरण)

    सुखबीर बादल व अन्य दोषियों को कौनसी सजा मिली?

    सुखबीर बादल सहित कोर कमेटी मेंबर और साल 2015 में कैबिनेट मेंबर रहे नेता को निम्नलिखित सजा दी गई हैं।

    • 3 दिसंबर से 12 बजे से लेकर 1 बजे तक बाथरूम साफ करेंगे।
    • इसके बाद नहाकर ये सभी लंगर हॉल में सेवा करेंगे।
    • बाद में श्री सुखमनी साहिब का पाठ करना होगा।
    • पहली सजा में सभी वॉशरूम साफ करेंगे।
    • बर्तन साफ करने की भी लगाई गई सेवा।
    • रोजाना एक घंटा करना होगा कीर्तन का सरवन।
    • जनतक समागमों में बोलने पर की गई मनाही।
    • सुखबीर बादल के पैर में प्लास्टर होने की वजह से उन्हें दरबान की सेवा करनी है।

    जुलाई में तनखैया घोषित हुए थे सुखबीर

    सुखबीर बादल को जुलाई महीने में श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने तनखैया करार देते हुए धार्मिक सजा सुनाई थी। सुखबीर बादल पर आरोप है कि उनकी सरकार के समय डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी दी गई, पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी को नियुक्त किया गया, श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कार्रवाई नहीं की गई आदि आरोप है।

    यह भी पढ़ें- 'शौचालय साफ, लंगर घर में सेवा'; सभी दोषियों को अकाल तख्त ने सुनाई सजा, सुखबीर बादल को करने होंगे ये काम

    यह भी पढ़ें- सुखबीर बादल के इस्तीफे के बाद अब किसे मिलेगी कमान? 28 वर्षों तक रहा बादल परिवार का वर्चस्व, क्या है पार्टी की रणनीति?