Explainer: तनखैया करार, श्री अकाल तख्त का फैसला और अब जानलेवा हमला... सुखबीर सिंह बादल की सजा से जुड़ी पूरी कहानी
Sukhbir Singh Badal Declare Tankhaiya श्री अकाल तख्त के फैसले ने पंजाब की राजनीति में हलचल मचा दी है। सुखबीर सिंह बादल को मिली सजा के पीछे गुरमीत राम रहीम का क्या रोल है? श्री अकाल तख्त का फैसला क्यों जरूरी है और सुखबीर सिंह के साथ-साथ किन-किन नेताओं को सजा मिली है। इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए आप यह आर्टिकल पढ़ सकते हैं।
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। Sukhbir Singh Badal Declare Tankhaiya: पंजाब की सबसे पुरानी पार्टी शिरोमणि अकाली दल इस समय सूबे का सबसे चर्चित विषय बनी हुई है, वजह- सुखबीर सिंह बादल की सजा। तनखैया घोषित होने के बाद श्री अकाल तख्त ने सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) व उनके साथी नेताओं को बीते मंगलवार सजा सुनाई थी। इसके एक दिन बाद ही सुखबीर सिंह बादल पर जानलेवा हमला हुआ।
बुधवार सुबह सजा के रूप में वह पहरेदार की सेवा कर ही रहे थे कि एक शख्स ने उन पर गोली चला दी। साथ में खड़े सुरक्षाकर्मियों ने जैसे-तैसे सुखबीर की जान बचाई और आरोपी को धर-दबोचा।
ऐसी भी क्या मजबूरी?
सुर्खियों या टीवी चैनलों पर देखें तो सुखबीर सिंह बादल के पैर पर प्लास्टर है। लेकिन बावजूद इसके वह पहरेदारी करते नजर आ रह हैं। ऐसे में आपके मन में भी सवाल आ रहा होगा कि आखिर ऐसी भी क्या मजबूरी?
दरअसल, सुखबीर सिह बादल को श्री अकाल तख्त ने तनखैया घोषित किया हुआ था। ये तनखैया क्या होता है और सुखबीर सिंह बादल पर क्या आरोप लगे हैं। इस पूरी कहानी को एक सिलसिलेवार ढंग से जानते हैं। इसके साथ ही जानेंगे कि धार्मिक सजा देने वाला श्री अकाल तख्त इतनी मजबूत कैसे है कि एक पूर्व सिख उप-मुख्यमंत्री तक को सजा सुनाने का हक रखती है।
कौन हैं सुखबीर सिंह बादल?
शुरू करने से पहले हमें जान लेना चाहिए कि आखिर सुखबीर सिंह बादल हैं कौन? सुखबीर सिंह बादल शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष हैं, हालांकि तनखैया घोषित होने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।
सुखबीर सिंह बादल पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत प्रकाश सिंह बादल के बेटे हैं। प्रकाश सिंह पंजाब के पांच बार सीएम रहे। बादल और उनके परिवार के पास रियल एस्टेट, परिवहन और अन्य व्यवसायों में अच्छी-खासी साझेदारी है।
वहीं, बादल परिवार की शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के सिख संगठनों पर काफी अच्छी पकड़ है। लेकिन 30 अगस्त को सुखबीर सिंह बादल को जब से श्री अकाल तख्त ने तनखैया घोषित किया तभी से उनकी मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। साल 2007 से लेकर साल 2017 तक वह पंजाब के उप मुख्यमंत्री रहे थे। इस अवधि के दौरान उन्होंने व तत्कालीन सरकार की कैबिनेट ने कई कार्य ऐसे किए जिनके परिणामस्वरूप उन्हें ऐसी सजा मिली।
सुखबीर सिंह बादल को क्यों मिली सजा?
वर्ष 2007 से लेकर अगले 10 वर्षों तक सुखबीर सिंह बादल व साथी पूर्व मंत्रियों ने कई काम ऐसे किए जिन्हें धार्मिक तौर पर अनुचित माना गया है।
तत्कालीन सरकार द्वारा डेरा सच्चा सौदा के मुख्य राम रहीम के खिलाफ शिकायत वापस ली गई थी थी (राम रहीम ने दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं की तरह कपड़ों को पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचा था)।
इस तरह तत्कालीन डीजीपी सुमेध सैनी की नियुक्ति करना (वह फर्जी एनकाउंटर के आरोपों में घिरे रहे हैं), श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कार्रवाई न करना, संगत के पैसों से विज्ञापन करना इत्यादि आरोप शामिल हैं।
सुखबीर सिंह बादल के साथ ही सुखदेव सिंह ढींढसा, सुरजीत सिंह राखड़ा व बिक्रमजीत सिंह मजीठिया सहित कई नेताओं को सजा दी गई हैं। ये उस समय सरकार में मंत्री के पद पर आसीन थे।
- इन पूर्व मंत्रियों की हो चुकी है मौत: प्रकाश सिंह बादल, सेवा सिंह सेंखवा, तोता सिंह, अजीत सिंह कोहाड़, रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा, कैप्टन कंवलजीत सिंह।
- फख्र-ए-कौम की उपाधि वापस: पंजाब में पूर्व मुख्यमंत्री व सुखबीर सिंह बादल के पिता व दिवंगत नेता प्रकाश सिंह बादल से फख्र-ए-कौम का सम्मान भी वापस लेने का एलान किया गया है। तत्कालीन सरकार के अंतर्गत ही धर्म के विरुद्ध कार्य किए गए थे।
क्या होता है तनखैया?
सुखबीर सिंह बादल को अगस्त में तनखैया (What is Tankhaiya) घोषित किया गया था। पंजाब में 2007 और 2017 के मध्य उनकी पार्टी द्वारा गलतियों के लिए धार्मिक कदाचार का दोषी मानते हुए श्री अकाल तख्त ने उन्हें तनखैया घोषित कर दिया था।
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तनखैया का मतबल धार्मिक दोषी व्यक्ति से है। इसके अंतर्गत दोषी व्यक्ति का हुक्का-पानी बंद कर दिया जाता है। दरअसल, कोई भी सिख धार्मिक नियमों को उल्लंघन करता है तो उसे श्री अकाल तख्त सजा देने का पूरा अधिकार रखता है। उक्त दोषी धार्मिक कार्यों में भाग नहीं ले सकता।
महाराजा रणजीत सिंह भी हुए थे तनखैया करार
शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह धार्मिक प्रवृत्ति के थे। एक बार उन्हें मोरा नाम की एक मुसलमान महिला मिली। उसने इच्छा जताई कि महाराजा किसी दिन उसके घर पधारें। वे उसके घर चले गए, लेकिन इस कारण से उन्हें तनखैया घोषित कर दिया गया।
उस समय श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार अकाली फूला सिंह ने महाराजा की पीठ पर कोड़े मारे। इसके साथ ही हर्जाना भी दिया गया, जिसके बाद महाराजा को माफी दी गई। इसके अलावा पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह को भी तनखैया घोषित किया गया था।
श्री अकाल तख्त को पूरा अधिकार
श्री अकाल तख्त सिखों की सबसे बड़ी धार्मिक संस्था है। सन् 1609 में सिखों के छठे गुरु हरगोबिंद साहब ने श्री अकाल तख्त की स्थापना की थी। संस्था के पास इतनी शक्ति है कि इसका फैसला सभी सिख व्यक्तियों को मानना होता है। भले ही वह नेता हो या अभिनेता। यहां तक की सरकार भी श्री अकाल तख्त का विरोध नहीं करती। हालांकि, यह फैसला सिखों पर ही लागू होता है
सुखबीर सिंह को क्या मिली सजा?
सिख धर्म की मर्यादाओं को भंग करना या उनके खिलाफ जाना, और इस बाबत आरोप सिद्ध हो जाने के बाद श्री अकाल तख्त उक्त व्यक्ति को दोषी सिद्ध कर देता है और उसे सजा सुनाने की तारीख भी सुनिश्चित कर देता है। उदाहरण के तौर पर सुखबीर सिंह बादल को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में सेवा करने की सजा दी गई है। जैसे क्रमानुसार...
- सुखबीर 3 दिसंबर से 12 बजे से लेकर 1 बजे तक बाथरूम क्लीन करेंगे
- नहाकर सभी लंगर हॉल में सेवा करेंगे
- श्री सुखमनी साहिब का पाठ करेंगे
- इसके बाद सुखबीर बर्तन साफ करेंगे
- हर रोज एक घंटे का कीर्तन का श्रवण
- जनतक समागमों में बोलने पर की गई मनाही।
- हालांकि, सुखबीर बादल के पैर में प्लास्टर होने की वजह से उन्हें दरबान की सेवा करनी है।
दरबान में सेवा के दौरान चली गोली
सुखबीर सिंह बादल की सजा का आज दूसरा दिन था। तभी उन पर फायरिंग हो गई। अमृतसर के गोल्डन टेंपल के एंटरेंस पर व्यक्ति नारायण सिंह चौड़ा (Narayan Singh Chaura) ने गोली चला दी। हालांकि, मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने गोली चलाने वाले पर काबू पाया। इस तरह सुखबीर सिंह बादल बाल-बाल बचे।
वहीं, गोली चलाने वाले आरोपी की पहचान गुरदासपुर के अंतर्गत डेरा बाबा नानक के निवासी नारायण सिंह चौड़ा के रूप में हुई है। आरोपी साल 2013 में यूएपीए के अंतर्गत अरेस्ट भी हुई था। गोली चलाने का पूरा वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है। इस बाबत आगे की जांच जारी है। हर अपडेट के लिए (Jagran.Com/Punjab) से जुड़े रहे।
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