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    पंजाब में नहीं थम रहीं पराली जलाने की घटनाएं, 36 हजार के पार पहुंचा आंकड़ा; बठिंडा में सबसे खराब रहा AQI

    By Jagran NewsEdited By: Preeti Gupta
    Updated: Fri, 24 Nov 2023 09:54 AM (IST)

    पंजाब में धान कटाई का सीजन अंतिम चरण में है लेकिन सरकार की सख्ती के बावजूद पराली जलाने (Stubble Burning in Punjab) का सिलसिला जारी है। बुधवार को राज्य में 512 जगह पराली जलाई गई। इसके साथ ही राज्य में पराली जलाने की कुल आंकड़ा 36118 पहुंच गया है। बुधवार को मोगा और फजिल्का में सबसे अधिक पराली जलाई गई। वहीं बठिंडा में AQI 327 दर्ज किया गया।

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    पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं 36 हजार के पार

    जागरण संवाददाता, पटियाला। Punjab News: पंजाब में धान कटाई का सीजन अंतिम चरण में है, लेकिन सरकार की सख्ती के बावजूद पराली जलाने (Stubble Burning in Punjab) का सिलसिला जारी है।

    बुधवार को राज्य में 512 जगह पराली जलाई गई। इसके साथ ही राज्य में पराली जलाने की कुल आंकड़ा 36,118 पहुंच गया है। 10 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट की फटकार से पहले राज्य में पराली जलाने की कुल घटनाएं 20,978 थी, जबकि एफआइआर 18 थी।

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    11 दिन में पराली जलाने के 1084 FIR दर्ज

    पिछले 11 दिन में पराली जलाने के संबंध में 1084 एफआइआर दर्ज की जा चुकी है, लेकिन शासन प्रशासन की सख्ती के बाद भी पराली जलाने के मामले कम नहीं हो रहे हैं।

    हालांकि सरकार और प्रशासन की तरफ से पराली जलाने के मामलों में कमी लाने के प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन किसान मान नहीं रहे हैं। बुधवार को मोगा और फजिल्का में सबसे अधिक पराली जलाई गई। वहीं, बठिंडा में AQI 327 दर्ज किया गया।

    पराली की आग की चपेट में आई 12 साल की लड़की

    फाजिल्का के गांव पक्का कालेवाला में अपनी दादी के साथ लकड़ियां लेने के लिए गई 12 वर्षीय बच्ची खेत में जल रही पराली आग की चपेट में आ गई। बच्ची ने शोर मचाया तो दादी ने उसे तुरंत बाहर निकाला, लेकिन तब तक उसके पैर का कुछ हिस्सा झुलस गया। बच्ची को उपचार के लिए जलालाबाद के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

    पराली की आग के बीच गिरी लड़की

    अस्पताल में गांव पक्का कालेवाला निवासी महिला बंसो भाई ने बताया कि वह बुधवार शाम को लकड़ियां लेने के लिए गई थी। उसकी दो पोतियां भी साथ थीं।

    जब वह वापस आ रही थी तो गांव के निकट किसी ने खेत में पराली को आग लगाई हुई थी। पास पहुंचे तो पराली का धुआं पोती की आंखों में चला गया और वह अचानक खेत में पराली की आग के बीच गिर गई।

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    पराली की आग से जल पैर का कुछ हिस्सा

    शोर सुनकर उसने सिर पर रखी लकड़ियां नीचे फेंक पोती को बाहर निकाला। गनीमत रही कि बच्ची बच गई लेकिन एक पैर का कुछ हिस्सा झुलस गया। समय पर न पहुंचती तो गंभीर रूप से घायल हो सकती थी।

    डीएसपी एएआर शर्मा का कहना है कि पराली को आग लगाने पर पाबंदी है, जो भी किसान पराली जलाता है उस पर कानूनी कार्रवाई की जाती है। उनको पराली की आग से बच्ची के झुलसने की जानकारी नहीं है। वह इस संबंधी जल्द जानकारी लेंगे और परिवार के बयान दर्ज कर जिम्मेदार किसान पर कार्रवाई करेंगे।

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