Faridkot: कृषि अधिकारी गिल ने किया फरीदकोट के गांवों का दौरा, बोले- 'गांठें बनाकर बची हुई पराली को जलाना है बहुत बुरी प्रथा'
कृषि अधिकारी करनजीत सिंह गिल ने फरीदकोट के गांवों का दौरा किया है। इस दौरे के दौरान टीम ने सरकारी कार्यालयों की जांच की और पराली प्रबंधन के संबंध में गांठ भंडारण डंप आदि का निरीक्षण किया। इस समय डॉ. करनजीत सिंह गिल ने कहा कि अधिकतर किसान पराली की गांठें बनाने के बाद बची हुई पराली को जला देते हैं जो कि बहुत बुरी प्रथा है।

जागरण संवाददाता, फरीदकोट। सरकार के निर्देशानुसार मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. करनजीत सिंह गिल के नेतृत्व में टीम ने उपमंडल कोटकपूरा व जैतो के खेतों का दौरा किया। इस दौरे के दौरान टीम ने सरकारी कार्यालयों की जांच की और पराली प्रबंधन के संबंध में गांठ भंडारण डंप आदि का निरीक्षण किया।
लंभावली में सरफेस सीडर से बोए गए गेहूं की जांच
इस दौरान गांव कोटकपुरा ग्रामीण, जैतो ग्रामीण, कोठे वरिंग, हरी नाऊ, लंभवाली आदि खेतों का दौरा किया गया। ग्राम लंभावली में सरफेस सीडर से बोए गए गेहूं की जांच की गई तथा पराली जलाने वाले किसानों को रोका गया।
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प्रशासन द्वारा की जा रही सख्त कार्रवाई
इस समय डॉ. करनजीत सिंह गिल ने कहा कि अधिकतर किसान पराली की गांठें बनाने के बाद बची हुई पराली को जला देते हैं जो कि बहुत बुरी प्रथा है। यहां बता दें कि उक्त बची हुई पराली में आग लगने की सैटेलाइट रिपोर्ट भी प्रशासन के पास पहुंचती है, जिस पर प्रशासन द्वारा सख्त कार्रवाई की जा रही है।
किसान मशीनरी के लिए कृषि विभाग को करें संपर्क: कृषि अधिकारी
इस दौरे के दौरान सेढ़ा सिंह वाला पावर प्लांट का दौरा किया गया और पराली को अधिक से अधिक एकत्रित करने के लिए कहा गया। इस टीम में डॉ. राजविंदर सिंह एडीओ और डॉ. खुशवंत सिंह गिल डीपीडी भी शामिल थे। मुख्य कृषि अधिकारी ने किसानों से कहा कि जिन किसानों को पराली प्रबंधन के लिए मशीनरी की आवश्यकता है वे कृषि विभाग से संपर्क करें।

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